राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के सलाहकारों में से एक सलाहकार को विधानसभा अध्यक्ष ने 15 मार्च को विधानसभा से बाहर निकाल दिया. सलाहकार संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) विधानसभा के वेल (Well Of The House) में पुलिस के खिलाफ धरना देने के लिए आ गए थे, वो वहां टेबल बजाने लगे और अपनी बात कह रहे थे.
लेकिन इससे स्पीकर सीपी जोशी (Rajasthan Speaker CP Joshi) बेहद नाराज हो गए और उन्हें मार्शलों को बुला कर लोढ़ा को सदन से बाहर कर दिया.
दरअसल ये सब तब हुआ जब संयम लोढ़ा ने एक व्यक्ति लिखमाराम का मुद्दा उठाया, जो सिरोही जिले के बरलूट का मामला है जहां उस व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया गया था. लोढ़ा ने दावा किया कि वह व्यक्ति निर्दोष है और उसे रिहा किया जाना चाहिए और जो पुलिसकर्मी दोषी हैं उन्हें सजा देनी चाहिए.
उन्होंने ये मांग भी की पीड़ित को मुआवजा भी मिलना चाहिए. लोढ़ा के इस हंगामें को शांत करवाने के लिए वेल में विधायक बलवान पूनियां और कांग्रेस के गिरधारी लाल भी आए, लेकिन लोढ़ा नहीं माने.
इस पर नाराजगी जताते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने लोढ़ा से वापस सीट पर जाने को कहा, लेकिन लोढ़ा फिर भी नहीं माने और विरोध करते रहे. जिसके बाद स्पीकर ने मार्शल को लोढ़ा को बाहर निकालने का निर्देश दिया और मार्शल ने लोढ़ा को बाहर कर दिया तब जा कर मामला शांत हुआ.
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि सिरोही जिले के बरलूट में हत्या के मामले में एक नागरिक की गिरफ्तारी के प्रकरण में सात दिन के अंदर जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. धारीवाल ने सदन में कहा कि सरकार की मंशा है कि किसी भी निर्दोष को सजा न मिले.
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