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"जनता को लूटने का लाइसेंस आपके पास नहीं" सचिन पायलट की 'जन संघर्ष यात्रा' शुरु

Sachin Pilot की 125 किलोमीटर की 'जन संघर्ष यात्रा' की शुरुआत, कांग्रेस ने खुद को यात्रा से दूर किया

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राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार, 11 मई को अजमेर के अशोक उद्यान से भ्रष्टाचार के खिलाफ जन संघर्ष यात्रा की शुरुआत की. पायलट की यह यात्रा सीधे तौर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार को चुनौती के तौर पर ​देखी जा रही है. पायलट ने इस यात्रा का ऐलान दो दिन पहले ही गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए किया था. इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने 7 मई को धौलपुर की एक सभा में बीजेपी नेताओं और पायलट पर हमला बोलते हुए कहा था कि कोरोना के बाद हमारे प्रदेश में एक और संकट आया है.

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"पेपर लीक नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है"

मुख्यमंत्री ने आगे कहा था की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश की सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र किया. इन लोगों ने राजस्थान के अंदर पैसे बांटे. लेकिन, अब वापस पैसे नहीं ले रहे है. मुझे चिंता है कि ये लोग पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं. मैंने तो अपने विधायक को यहां तक कह दिया कि जितना पैसा लिया है, उसमें से कुछ खर्च भी कर दिया है तो वो खर्च किया हुआ पैसा मैं दे दूंगा या फिर पार्टी आलाकमान से दिलवा दूंगा. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने गहलोत के इस बयान के बाद यात्रा निकालने का ऐलान किया था.

पायलट ने अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रदेश में पेपर लीक हुआ और नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया. मैंने जब इस पर सवाल उठाया तो कहा गया कि इसमें कोई नेता और अधिकारी शामिल नहीं है. जबकि इस बार कोई आरपीएससी मेंबर को गिरफ्तार किया गया. लेकिन इसके तार और कहीं तक जुड़े हुए हैं? पायलट ने आगे कहा कि मैंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए राज्य की सरकार पर आरोप लगाया, हमारे पार्टी के तमाम नेताओं ने भी आरोप लगाए.

वसुंधरा सरकार को भी हम लोगों ने ललकारा: सचिन पायलट

उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में लगातार भ्रष्टाचार हुआ. हम लोगों ने वसुंधरा को ललकारा, हमने चैलेंज किया. आपके पास बहुमत हो सकता है, आपके पास राज हो सकता है, लेकिन जनता को लूटने का लाइसेंस आपके पास नहीं है. अब इन सब मामलों पर मौन रहना जनता के साथ न्याय नहीं है. पायलट की शुरु गई यात्रा के बैनर और पोस्टर में केवल सोनिया गांधी की तस्वीर लगाई गई है. इनमें से इस बार राहुल गांधी और प्रियंका भी गायब हैं.

इधर पायलट की इस जन संघर्ष यात्रा के लिए केंद्र सरकार की तरफ से विशेष सुरक्षा के निर्देश दिए गए है. पूर्व डिप्टी सीएम पायलट को पहले से केंद्र सरकार द्वारा 'Y' कैटेगरी की CRPF की सुरक्षा मिली हुई है. आईजी सीआरपीएफ की तरफ से दस मई को लिखें गए राजस्थान सरकार, राजस्थान पुलिस डीजीपी और आला पुलिस अधिकारियों को पत्र में सचिन पायलट की सुरक्षा को लेकर CRPF का पूरा सहयोग करने को कहा गया है. केंद्र के निर्देश के बाद अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष पदयात्रा के दौरान राजस्थान पुलिस सुरक्षा बंदोबस्त में जुट गई है. अजमेर में यात्रा की शुरुआत में भी पुलिस के इंतजाम सख्त देखे गए.

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पायलट समर्थकों ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखा पत्र 

दूसरी तरफ पायलट समर्थक नेताओं ने इस विवाद को लेकर कांग्रेस आलाकमान से दखल देने को कहा है. पायलट समर्थक कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को पत्र लिखकर उन्हें प्रदेश की मौजूदा सियासी हालातों के बारे में बताया है. इसके साथ ही सोलंकी ने राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष खड़गे से सियासी समन्वय स्थापित कराने का निवेदन किया है. सोलंकी ने पत्र में प्रदेश प्रभारी रंधावा की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, साथ ही कहा कि हमारे मौजूदा प्रभारी नेताओं के बीच तालमेल व समन्वय स्थापित करने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं. सोलंकी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को मामले की जांच अपने हाथों में लेने और राजस्थान की राजनीति में समन्वय स्थापित करने का निवेदन किया है.

इनपुट- पंकज सोनी

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