ADVERTISEMENTREMOVE AD

गाजीपुर: सिपाही का बेटा बोला- पुलिस खुद सेफ नहीं, हमें क्या बचाएगी

मृतक कॉन्स्टेबल के बेटे ने उत्तर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा

वीडियो प्रोड्यूसर: शोहिनी बोस

वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जो पुलिस जनता को सुरक्षा देती है, उसे सुरक्षा देने वाला कोई नहीं है. इस बात की हालिया मिसाल शनिवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में देखने को मिली. यहां हुई पत्थरबाजी की घटना में अपनी जान गंवा चुके पुलिस कॉन्स्टेबल के बेटे ने अब प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.

सवाल भी ऐसे हैं जो सीधे सिस्टम पर प्रहार करते हैं. ये महज उस बेटे का दर्द नहीं है, जिसने अपने पिता को खो दिया, बल्कि ये एक आम आदमी का डर भी है, जो पुलिस महकमे से ये उम्मीद रखता है कि वो उसे सुरक्षा देगा.

“पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही है. हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं? अब हम मुआवजा लेकर क्या करेंगे?”
-वीपी सिंह, मृतक कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स का बेटा  

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए मृतक कॉन्स्टेबल के परिवार को 40 लाख के मुआवजे के साथ-साथ असामान्य पेंशन का ऐलान किया है.

ये भी पढ़ें - गाजीपुर: PM मोदी की रैली के बाद बवाल, पथराव में जवान की मौत

मोदी की रैली के ठीक बाद हुई थी हिंसा

शनिवार को गाजीपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली थी. निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने इस रैली का विरोध किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रैली के बाद जब बीजेपी समर्थक वापस लौट रहे थे, तभी नौनेरा इलाके में अटवा मोड़ पुलिस स्टेशन के पास निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं से उनका संघर्ष चालू हो गया. इसके बाद दोनों तरफ से जमकर पथराव हुआ. इसी पथराव को शांत करवाने के लिए कुछ पुलिसवाले पहुंचे थे. इस पथराव की चपेट में आने से गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई. वे प्रतापगढ़ के रहने वाले थे. इसके अलावा घटना में दो और पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए.

इस घटना में पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. साथ ही 15 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

एक महीने के अंदर तीसरे पुलिसकर्मी की हत्या

इससे पहले 3 दिसंबर को बुलंदशहर में हिंसा कर रही भीड़ को शांत कराने पहुंचे इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की भी सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 27 दिसंबर को प्रतापगढ़ में बेखौफ बदमाशों ने कॉन्स्टेबल राजकुमार की गोली मारकर हत्या कर दी. उत्तर प्रदेश में लगातार पुलिसकर्मियों की हो रही हत्याओं पर योगी सरकार सवालों में घिरती जा रही है.

ये भी पढ़ें - बुलंदशहर: कौन है सुबोध सिंह की हत्या का आरोपी प्रशांत नट?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×