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'बीजेपी सरकार मेरी हत्या करवाना चाहती है', स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा आरोप

Ramcharitmanas Row: हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की बात कही है.

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राज्य
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रामचरित मानस विवाद (Ramcharitmanas Row) विवाद में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने गुरुवार को प्रदेश और केंद्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार मेरी हत्या करवाना चाहती है. बता दें कि इससे पहले उन्होंने बुधवार को लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर महंत राजू दास और महंत परमहंस दास पर तलवार और फरसे से हमले की कोशिश का आरोप लगाया था.

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बीजेपी सरकार मेरी हत्या करवाना चाहती है- मौर्य

गुरुवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, "मैंने इस देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के सम्मान की बात क्या उठाई, एक वर्ग विशेष के लोग मेरी हत्या की साजिश में लग गए. कोई मेरा सिर काटने के लिए 21 लाख तो कोई 51 लाख की सुपारी दे रहा है. कोई जीभ काटने के लिए 5 लाख तो कोई 11 लाख देने की सुपारी दे रहा है."

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि,

"साधु वेश में जो आतंकवादी और आपराधिक चेहरे हैं, सरकार को चिन्हित करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, FIR दर्ज करनी चाहिए थी. स्वतः संज्ञान लेते हुए ऐसे बयान देने वालों को, जिन्होंने सार्वजनिक बयान दिया, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सामने बयान दिया, बयान देते हुए उनकी फोटो भी है, और उसके बावजूद सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है. इसका मतलब है कि प्रदेश और केंद्र की सरकार मेरे हत्या की साजिश करने वालों के साथ शामिल है. बीजेपी सरकार मेरी हत्या करवाना चाहती है."

मौर्य ने पुलिश कमिश्नर को लिखा था पत्र

इससे पहले बुधवार को मौर्य ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, तपस्वी छावनी मंदिर के महंत परमहंस दास और उनके समर्थकों ने उन पर तलवारों से हमला करने की कोशिश की थी. मौर्य ने अपने पत्र में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम का जिक्र करते हुए लिखा कि,

"लखनऊ में मुझे अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम से निकलते समय महंत राजू दास, हनुमानगढ़ी, अयोध्या और महंत परमहंस दास, तपस्वी छावनी मंदिर और उनके कुछ साथियों ने तलवार और फरसा से मुझ पर हमला करने का प्रयास किया."

इसके साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा कि, "मुझे मारने के लिए 21 लाख का रकम भी घोषित किया गया है. यह जानते हुए भी उन्हें इस कार्यक्रम में बुलाना और उनके निर्धारित समय से पहले बुलाकर हथियारों के साथ बैठाना भी कुटिल साजिश है."

बता दें कि रामचरित मानस पर विवादित बयान को लेकर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने वाले को 21 लाख रुपए देने की घोषणा की थी.

टीवी चैनल और न्यूज एंकर पर भी लगाए आरोप

मौर्य ने इस पूरे मामले को लेकर एक टीवी चैनल और उसके एंकर पर भी आरोप लगाए हैं. पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में उन्होंने टीवी चैनल और एंकर का नाम का जिक्र करते हुए लिखा कि कहीं न कहीं यह पूर्व नियोजित षड्यंत्र है, जिसमें एंकर की भूमिका भी संदिग्ध है. एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल से इस प्रकार की साजिश की उम्मीद नहीं करता था. फिर भी ऐसा हुआ जो बहुत ही दुखद है.

Ramcharitmanas Row: हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की बात कही है.

स्वामी प्रसाद मौर्य के पत्र की कॉपी

(क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)

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महंत राजू दास ने कही FIR दर्ज करवाने की बात

वहीं इस मामले को लेकर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास भी आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज करवाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि,

"स्वामी प्रसाद मौर्य के पीछे आतंकी फंडिंग है और वो दंगा कराना चाहते हैं."

उन्होंने बताया कि, "मैं जैसे कार्यक्रम में पहुंचा हूं उसने कहा कि भगवा आतंकवादी आ गया. और उसने कहा कि भगवान राम को नहीं मानता, भगवान कृष्ण को नहीं मानता. मैं सनातन को नहीं मानता. ये सनातनी जहर फैलाते हैं, विष घोलते हैं, समाज को बांटने का काम करते हैं. पकड़ो मारो. इसने मेरे ऊपर मारने के लिए 21 लाख रुपये का इनाम रखा है. यही राजू दास है. इसको पकड़ो, इसकी हत्या कर देते हैं."

बुधवार को न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान महंत राजू दास और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक आपस में भिड़ गए थे. हाथापाई का वीडियो भी सामने आया है. जिसमें राजू दास और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक आपस में उलझते हुए दिख रहे हैं.

मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर क्या कहा था?

बता दें कि कुछ दिन पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.

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