12 अगस्त को भारत भर के विभिन्न कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन के लिए होने वाले NEET परीक्षा से पहले तमिलनाडु में 19 वर्षीय स्टूडेंट के कथित आत्महत्या का मामला सामने आया है.
पुलिस ने कहा कि एस धनुष के रूप में पहचाने गये इस स्टूडेंट ने अपने तीसरे प्रयास में भी NEET परीक्षा को पास न कर पाने के डर से आत्महत्या कर ली. मामला सामने आने के बाद राज्य में NEET परीक्षा से जुडी राजनीति एक बार फिर सरगर्म है.
पूर्व मुख्यमंत्री और AIADMK नेता पलानीस्वामी ने सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पर NEET को खत्म करने के अपने चुनावी वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस तरह उन छात्रों के बीच भ्रम पैदा किया जो यह नहीं जानते थे कि उनकी NEET की परीक्षा होगी या नहीं.
स्थाई छूट देने को कल बिल लाएगी स्टालिन सरकार
छात्र की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने एक बयान में कहा कि DMK सरकार कल विधानसभा में एक बिल पारित करेगी जिसमें NEET की परीक्षा से स्थायी छूट की मांग की जाएगी.
गौरतलब है कि 2017 में NEET की शुरुआत के बाद से तमिलनाडु में परीक्षा में फेल होने या फेल होने के डर से एक दर्जन से अधिक मेडिकल उम्मीदवारों की आत्महत्या से मौत हो गई है.
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