ADVERTISEMENTREMOVE AD

आर्टिकल 370 की तरह कदम उठाए केंद्र: मराठा आरक्षण पर उद्धव ठाकरे

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने ‘’हाथ जोड़कर’’ किया प्रधानमंत्री से अनुरोध

Published
राज्य
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण से संबंधित कानून को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह केंद्र से 'हाथ जोड़कर' अनुरोध कर रहे हैं कि जिस तत्परता के साथ उसने आर्टिकल 370 और बाकी विषयों पर कदम उठाए, उसी तत्परता के साथ वो इस संबंध में भी दखल दे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
उन्होंने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार ने अपने फैसलों को मजबूती देने के लिए संविधान में जिस तरह संशोधन किया, वैसी ही तत्परता मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए दिखाई जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ठाकरे ने कहा, ‘‘हम हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मराठा आरक्षण पर तत्काल फैसला लेने का अनुरोध करते हैं.''

ठाकरे ने राज्य में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण का फैसला महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से लिया गया था और यह गायकवाड़ आयोग की सिफारिश पर आधारित था लेकिन, शीर्ष अदालत ने उसे इस आधार पर निरस्त कर दिया कि राज्य को इस तरह के आरक्षण देने का हक नहीं है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 और शाहबानो केस के संदर्भ में जैसी तत्परता दिखाई थी, उसे मराठा समुदाय की मदद करने में भी वैसी ही तत्परता दिखानी चाहिए.

ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजीराजे एक साल से इस विषय पर प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त मांग रहे हैं लेकिन यह व्यर्थ गया. उन्होंने सवाल किया, ‘‘उन्हें प्रधानमंत्री ने क्यों समय नहीं दिया?’’

उन्होंने कहा , ‘‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत नहीं किया जा सकता, लेकिन किसी को भी लोगों को नहीं भड़काना चाहिए. जब तब हम आरक्षण मामला जीत नहीं जाते, प्रयास जारी रहना चाहिए.’’

बता दें कि शीर्ष अदालत ने मराठा आरक्षण से संबंधित कानून को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि 1992 में मंडल फैसले के तहत निर्धारित 50 फीसदी आरक्षण सीमा के उल्लंघन के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है.

नौकरियों और शिक्षा में मराठों को आरक्षण देने के लिए 2018 में राज्य की तत्कालीन बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार ने एसईबीसी (सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा समुदाय) एक्ट पास किया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×