महाराष्ट्र में COVID-19 महामारी के बीच धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के मुद्दे पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच वार-पलटवार देखने को मिला है.
बता दें कि सोमवार को कोश्यारी ने उद्धव को लेटर लिखकर COVID-19 से बचाव के उपायों के साथ पूजा-स्थलों को फिर से खोलने की मांग की थी.
लेटर में कोश्यारी ने लिखा, ''आप हिंदुत्व के मजबूत समर्थक रहे हैं. आपने मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया है. आपने पंढरपुर में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर का दौरा किया था और आषाढ़ी एकादशी पर पूजा की थी.''
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने उद्धव से पूछा कि क्या आपको पूजा-स्थलों को फिर से खोलने का समय टालने के लिए कोई दैवीय आदेश मिल रहा है या ‘’आपने खुद को ‘धर्मनिरपेक्ष’ बना लिया है, एक ऐसी टर्म जिससे आप नफरत करते थे?’’
राज्यपाल के लेटर में जिक्र किया गया है कि दिल्ली में धार्मिक स्थल 8 जून को फिर से खुल गए और जून के आखिर तक देश के बाकी कई हिस्सों में भी ये स्थल खुल गए. इसके आगे लिखा गया है, ''इनमें से किसी भी जगह से COVID-19 के केसों में तेजी से उछाल की रिपोर्ट नहीं मिली हैं.''
उद्धव ने किया पलटवार
राज्यपाल के लेटर लिखने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा है, ''जैसा कि अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, एक बार में इसे पूरी तरह से हटाना भी अच्छी बात नहीं होगी. और हां, मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो हिंदुत्व का पालन करता है, मेरे हिंदुत्व को आपके सत्यापन की जरूरत नहीं है.''
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी भक्तों के लिए मंदिरों को फिर से खोलने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रही है.
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