अनलॉक का दूसरा चरण 8 जून से लागू हो चुका है. कंटेनमेंट जोन के बाहर के सभी शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल, होटल और रेस्टोरेंट खुल गए हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सभी शॉपिंग मॉल खुल तो गए हैं लेकिन मॉल के अंदर की दुकानें बंद रखने का फैसला कारोबारी निकाय ने किया है. आदर्श व्यापार मंडल की बैठक में ये तय किया गया और सभी कारोबारियों ने इसपर सहमति भी जताई है.
आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने अथॉरिटिज के सामने रखी गई कारोबारियों के मांग के बारे में बताया. इन कारोबारियों की मांग है कि लॉकडाउन के दौरान किराए और कॉमन एरिया के रखरखाव की फीस को छोड़ दिया जाना चाहिए. दूबसरी मांग है कि अगले 12 महीनों के लिए किराए और रखरखाव के लिए जाने वाली फीस पर भी सब्सिडी मिलनी चाहिए.
संजय गुप्ता का कहना है कि अभी ये मुद्दा सुलझा नहीं है और आगे के दिनों में भी ये प्रक्रिया जारी रहेगी.
शॉपिंग मॉल के मालिक दुकानदारों की बात नहीं सुन रहे हैं, इसलिए दुकानदारों को ये फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा.संजय गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, आदर्श व्यापार मंडल
लखनऊ के डीएम को भी इसी के संबंध में एक ज्ञापन दिया गया है.
क्विंट ने लिया था लखनऊ के मॉल्स का जायजा
इससे पहले अनलॉक के लिए क्या तैयारियां हैं, कैसे खरीदारों को मैनेज किया जाएगा, क्विंट ने ग्राउंड पर जाकर ये जाना. उदाहरण के तौर पर लखनऊ के सिनीपोलिस मॉल के सीनियर मेंटेनेंस मैनेजर गजेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि, “एंट्रेंस पर कस्टमर के लिए टच-लेस सैनिटाइजर रखा है, कस्टमर को थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. अगर तापमान 99.5 फारेनहाइट से ज्यादा होगा तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जाएगा.”
सिंह ने बताया कि स्टोर के कर्मचारियों को छोड़कर मॉल में एक बार में सिर्फ 500 लोग ही रह सकेंगे. उन्होंने कहा, "हम LED पर दिखाएंगे कि मॉल में कितने लोगों ने एंट्री कर ली है."
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