यूपी के उन्नाव जिले से एक तस्वीर सामने आई है, जो प्रदेश की स्वास्थ्य व्यस्था की पोल खोल रही है. हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया है और कार्रवाई करने की बात कह रहा है. लेकिन, सवाल ये है कि आखिर कब तक लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता रहेगा.
एक तरफ जहां उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, जिनके कंधों पर स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी है, वह लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं. अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं. खामियां मिलने पर संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगा रहे हैं. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है.
दरअसल, मामला उन्नाव जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां इलाज कराने आए बुजुर्ग का ऑटो में बैठ कर और अन्य मरीजों का सीएचसी परिसर के बाहर ग्लूकोस चढ़वाने का वीडियो वायरल हो रहा है.
अधीनखेड़ा निवासी ठाकुर प्रसाद जिनकी उम्र 75 साल है उन्होंने बताया कि पेट में दर्द हो रहा था. मैंने बैटरी वाले रिक्शे से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरवा आकर डॉक्टर को दिखाया. लेकिन सीएचसी में पंखा न चलने के कारण उन्होंने बैटरी वाले रिक्शे में ही इलाज करवाया है. उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
इसी तरह लखमदेमऊ निवासी छात्र रितिक, पुरवा कस्बा निवासी महिला श्यामा और कस्टोलावा निवासी 7 वर्षीय अंशिका का इलाज भी सीएचसी परिसर के बाहर किया जा रहा था.
ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में बिजली नहीं आ रही है. जनरेटर में तेल न होने के कारण अंदर भारी गर्मी है. जिसके चलते बाहर मजबूरी में इलाज किया जा रहा है.
हालांकि, इस पूरे मामले पर CMO सत्य प्रकाश ने बताया कि रिक्शे में इलाज का वायरल वीडियो का मामला जानकारी में आया है. मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यहां पर्याप्त बेड की व्यवस्था है.
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