उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जो भी राज्य चाहता है कि यूपी के प्रवासी कामगार उनके यहां वापस आएं, उसे यूपी सरकार से इसकी इजाजत लेनी होगी और उन कामगारों के सामाजिक, कानूनी और आर्थिक अधिकार सुनिश्चित करने होंगे.
सीएम योगी ने इस बात पर दुख जताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान कई राज्यों ने प्रवासी कामगारों का उचित तरीके से ध्यान नहीं रखा. उन्होंने कहा, ‘‘ये कामगार हमारे सबसे बड़े संसाधन हैं और हम उन्हें उत्तर प्रदेश में रोजगार देंगे. राज्य सरकार उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए एक आयोग गठित करेगी.’’
योगी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध प्रकाशनों ‘पांचजन्य’ और ‘ऑर्गेनाइजर’ से बातचीत में यूपी लौटे राज्य के प्रवासी कामगारों को लेकर कहा, ‘‘वे हमारे लोग हैं...अगर कुछ राज्य उन्हें वापस बुलाना चाहते हैं तो उन्हें राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी.’’
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रवासी कामगारों से मिली प्रतिक्रिया से यह समझ में आया कि सबसे ज्यादा ध्यान और महत्व उनके अधिकारों की रक्षा पर देने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रवासी कामगारों का पंजीयन किया जा रहा है और उनके कौशल का लेखा-जोखा रखा जा रहा है.
आयोग के बारे में उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों के अधिकारों से जुड़े कई कारकों को देखने के लिए यह प्रस्तावित है. उन्होंने कहा, ‘‘बीमा, सामाजिक सुरक्षा, पुन: रोजगार सहायता, बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान आदि पर आयोग विचार करेगा.’’ योगी ने बताया कि राज्य सरकार की कोशिश से अब तक 23 लाख से ज्यादा प्रवासी कामगार प्रदेश लौट चुके हैं.
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