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यूपी में अफसरों पर गिरी योगी की गाज, दो DM समेत कई अधिकारी सस्पेंड

सस्पेंड हुए अधिकारियों पर अनाज वितरण और गेहूं खरीद में अनियमितताओं का आरोप है

Published
राज्य
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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनाज वितरण और गेहूं खरीद में अनियमितताओं के सिलसिले में गोंडा और फतेहपुर के जिलाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का निर्देश दिया है. फतेहपुर के डीएम कुमार प्रशांत और गोंडा के डीएम जीतेंद्र बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. अब फतेहपुर में आंजनेय कुमार सिंह और गोंडा में प्रभांशु श्रीवास्तव नए डीएम बनाए गए हैं.

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सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि गोंडा में सरकारी खाद्यान्न वितरण में अनियमितताओं और बड़े स्तर पर अप्रभावी और ढुलमुल नियंत्रण के मामले में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी के अलावा प्रभारी जिलापूर्ति अधिकारी राजीव कुमार और जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजय विक्रम सिंह को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और मामले में एफआईआर दर्ज करवाने का निर्देश दिया है. इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि-

“ऐसी अनियमितताओं पर अमूमन जूनियर अधिकारियों को सजा दे दी जाती है, लेकिन सीनियर स्तर पर जवाबदेही तय नहीं की जाती. अगर सीनियर स्तर पर प्रभावी सुनवाई और कार्रवाई की जाती तो इस तरह की स्थिति सामने नहीं आती. प्रकरण में कार्रवाई की प्रभावी मिसाल स्थापित करते हुए सीनियर स्तर पर जिम्मेदारी तय करने का फैसला लिया गया है.” 
-योगी आदित्यनाथ, सीएम, उत्तर प्रदेश  

क्यों लिया गया कड़ा फैसला

इस प्रकरण में 9,162 बोरियों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का अनाज कालाबाजारी के मकसद से गोदाम में जमा किया हुआ पाया गया. इसमें जिला प्रशासन और आपूर्ति व विपणन शाखा के केन्द्र, तहसील, जनपद और मण्डल स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा निर्देशों की अवहेलना और पद की जिम्मेदारियों का ठीक से पालन नहीं करने का साफतौर पर सबूत मिला. इसकी जांच स्थानीय और राज्य मुख्यालय स्तर पर करायी गयी.

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कई अधिकारियों पर कार्रवाई

इस सिलसिले में केन्द्र विपणन निरीक्षक, झांझरी भारत सिंह और आपूर्ति निरीक्षक, तहसील तरबगंज महेश प्रसाद को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. इसके अलावा, संभागीय खाद्य नियंत्रक देवीपाटन- राजेश कुमार, संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी देवीपाटन- के. के. सिंह, और उपायुक्त खाद्य सत्येन्द्र कुमार सिंह के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई प्रस्तावित की गयी है.

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 31 मई, 2018 को विशेष सचिव खाद्य, अपर आयुक्त खाद्य की ओर से गेहूं खरीद केन्द्रों पर जांच की गई थी. जांच में यह बात सामने आयी कि 13 मई के बाद करीब 18 दिन तक गेहूं खरीद नहीं होने का कोई औचित्य नहीं बताया गया.

ये अधिकारी भी हुए सस्पेंड

इस सिलसिले में क्रय केन्द्र प्रभारी बिसौली मंडी, नरेन्द्र कुमार और फतेहपुर के जिला प्रबन्धक पीसीएफ मोहम्मद रफीक अंसारी को भी सस्पेंड किया गया है. इनके अलावा फतेहपुर मंडी के यूपी एग्रो संस्था के क्रय प्रभारी प्रेम नारायण को भी सस्पेंड किया गया है, जबकि जिला प्रबन्धक यूपी एग्रो गुलाब सिंह को सस्पेंड करने की सिफारिश की गई है. प्रवक्ता ने बताया कि विपणन शाखा के खरीद केन्द्रों में दोषी पाये गये विपणन निरीक्षक शक्ति जायसवाल को सस्पेंड किया गया है. इसके अलावा जिला खाद्य विपणन अधिकारी घनश्याम के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की गई है. साथ ही इस पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

(इनपुट: भाषा)

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