कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने बुधवार 21 जून को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव नामांकन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं को लेकर ममता सरकार को झटका देते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. जस्टिस अमृता सिन्हा ने सीबीआई को पंचायत चुनाव मतदान से ठीक एक दिन पहले 7 जुलाई तक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
हिंसक स्थिति बनी रही तो चुनाव रोक दें: हाई कोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अमृता सिन्हा ने राज्य में हुई हिंसा पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि यदि हिंसक स्थिति बनी रही तो पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव रोकना जरुरी होगा.
"पंचायत चुनावों में इतनी हिंसा. यदि खून-खराबा जारी रहता है तो मतदान रोक दिया जाना चाहिए ”जस्टिस अमृता सिन्हा
चुनाव आयोग और राज्य सरकार से सवाल करते हुए जस्टिस अमृता सिन्हा ने कहा “एक पंचायत चुनाव में इतनी हिंसा? इतना अव्यवस्था? इतनी सारी झड़पें? यह एक राज्य के लिए शर्म की बात है. इतनी अव्यवस्था क्यों है? राज्य चुनाव आयोग क्या कर रहा है?”
आपको बता दें कि बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए अपना नामांकन शुरू होते ही उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना के भांगर सहित अलग-अलग जगहों पर व्यापक हिंसा की खबरें आईं. जिनमें चार लोगों की मौत हो गईं.
दक्षिण बंगाल के भांगर में नामांकन के दूसरे दिन इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं के बीच भीषण झड़प हुई जहां बम और गोलियां का इस्तेमाल किया गया.
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