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उमेश पाल मर्डर: एनकाउंटर में मरे अरबाज की लीड कैसे मिली? पिता थे अतीक के ड्राइवर

Umesh Pal Murder Case: पुलिस का दावा- उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल गाड़ी चला रहा था अरबाज

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न्यूज
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उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में शामिल एक 24 वर्षीय आरोपी को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और जिला पुलिस ने सोमवार, 27 फरवरी को प्रयागराज के नेहरू पार्क में एनकाउंटर के दौरान आरोपी अरबाज को गोली मार दी. इसके बाद उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. साथ ही मुठभेड़ में धूमनगंज थाने के इंस्पेक्टर राजेश मौर्या घायल हुए हैं.

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कौन था अरबाज?

24 साल का अरबाज प्रयागराज के थाना पुरामुफ्ती के मल्लहपुर का रहने वाला था. हत्याकांड के बाद इसपर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित था. अरबाज के पिता आफाक अतीक अहमद के ड्राइवर हुआ करते थे. इसके बाद अरबाज भी अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद से जुड़ा हुआ था.

पुलिस को एनकाउंटर के बाद उसके पास से 32 बोर की एक पिस्टल मिली है.

एनकाउंटर में मरने वाले अरबाज पर क्या आरोप है?

पुलिस ने कहा कि धूमनगंज इलाके में हमलावरों ने 48 वर्षीय अधिवक्ता उमेश पाल और उनके दो गनर पर हमला किया, और जिस कार में हमलावर आए उसे हमले के बाद अरबाज ने चलाया और सभी हमलावरों को मौके से फरार होने में मदद की.

इस हमले में उमेश पाल और एक गनर - संदीप निषाद -मारे गए, जबकि दूसरा गनर - राघवेंद्र सिंह - गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका इलाज चल रहा है.

पुलिस को अरबाज की खबर कैसे लगी?

पुलिस उपायुक्त नवेंदु कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि उमेश पाल पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई सफेद एसयूवी के चालक अरबाज को एक खुफिया सूचना के बाद पुलिस टीमों ने घेर लिया था.

नवेंदु कुमार ने बताया कि धूमनगंज पुलिस थाना क्षेत्र के नेहरू पार्क में दोपहर करीब तीन बजे हुई मुठभेड़ में अरबाज ने पुलिस पर गोलियां चलाईं और जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया. अधिकारी ने कहा कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

"अरबाज के साथ दो या तीन अन्य लोग भी थे, जो मौके से भागने में सफल रहे. हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं."
नवेंदु कुमार, पुलिस उपायुक्त
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 राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह थे उमेश पाल

उमेश पाल  BSP विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह थे और हमले के दिन वे गवाही देकर ही लौट रहे थे. प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद की उनके घर के बाहर शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमले में घायल हुए एक अन्य सुरक्षाकर्मी राघवेंद्र सिंह को गंभीर हालत में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया और रविवार को लखनऊ रेफर कर दिया गया.

उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाने (प्रयागराज) में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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