शनिवार को वाराणसी में जय बाबा गुरुदेव धार्मिक जुलूस के दौरान मची भगदड़ में 24 लोगों की मौत के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
सिटी एसपी, कोतवाली ट्रैफिक सीओ, रामनगर और मुगलसराय के थाना प्रभारी को भीड़ के प्रति लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया गया है.
हादसे के बाद भी पुलिस-प्रशासन की तरफ से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे.
जुलूस के लिए सिर्फ तीन हजार लोगों की अनुमति ली गई थी पर लाखों की तादाद में लोग जुलूस में शामिल होने पहुंच गए. भीड़ संभालने को लेकर कोई इंतजाम ना होने पर पुलिस लोगों को संभालने में नाकाम रही जिसके कारण बड़ा हादसा हुआ.
पुल ढहने की अफवाह के करण मची भगदड़
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलूस आयोजन में शामिल होने के लिए डोमरी गांव की ओर जा रहा था. जिससे भयंकर ट्रैफिक जाम लग गया जिसकी वजह से लोगों ने राजघाट पुल से नीचे उतरना शुरु किया और भगदड़ मच गई.
वहीं जय गुरुदेव संस्थान के एक प्रवक्ता राज बहादुर ने कहा कि श्रद्धालु शिविर की ओर आगे बढ़ रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस भेजना शुरू कर दिया. इसी बीच अफवाहें फैली की पुल ढह गया है जो भगदड़ में तब्दील हो गई.
वाराणसी में मौत की भगदड़ : 24 लोगों की मौत, सरकारी मुआवजे का ऐलान
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