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2021 में वायरल हुई 5 बड़ी फेक खबरें, कहीं आपने भी सच मानकर तो शेयर नहीं कीं?

कभी किसानों को खालिस्तानी, तो कभी कोरोना वैक्सीन को जानलेवा साबित करती फेक न्यूज को लाखों लोगों ने शेयर किया

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2021 को अलविदा और 2022 के स्वागत करने का वक्त आ चुका है. बीते हुए साल से सबक लेना चाहिए, तो क्यों न सबक लिया जाए गलत खबरें न फैलाने का या यूं कहें कि फेक न्यूज का शिकार न होने का. 2021 में वायरल हुई ऐसी 5 फेक न्यूज का सच जानिए, जिन्हें हजारों और कई बार तो लाखों सोशल मीडिया यूजर्स ने बिना वेरिफाई किए सच मानकर शेयर किया.

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1. किसानों ने लाल किले पर फहराया खालिस्तानी झंडा?

2021 के आखिरी महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें मान लीं. हालांकि, जब आंदोलन चल रहा था तब किसान आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों को देशद्रोही साबित करने के लिए और आंदोलन को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज का काफी इस्तेमाल हुआ. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई किसानों की गणतंत्र दिवस परेड में किसानों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प की गई घटनाएं सामने आईं.

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इसी बीच न्यूज चैनलों पर और कई वेरिफाइ सोशल मीडिया हैंडल्स से एक वीडियो शेयर कर ये दावा किया गया कि किसानों ने लाल किले से तिरंगा हटाकर खालिस्तानी झंडा फहरा दिया है. हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की तो ये दावा भ्रामक निकला.

कभी किसानों को खालिस्तानी, तो कभी कोरोना वैक्सीन को जानलेवा साबित करती फेक न्यूज को लाखों लोगों ने शेयर किया

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सोर्स : (स्क्रीनशॉट/ ट्विटर)

घटना के दौरान लाल किले पर मौजूद द क्विंट के संवाददाता शादाब मोईज़ी ने हमें बताया कि दोनों में से कोई भी झंडा खालिस्तान का नहीं है. पहला झंडा ( केसरिया रंग ) सिख धर्म से जुड़े निशंक साहिब का है. वहीं दूसरा झंडा (पीला रंग) किसानों का है.

हमने लाल किले पर लगाए गए झंडे की फोटो का निशंक साहिब के झंडे की फोटो से मिलान किया. जिसमें साफ हुआ कि दोनों एक ही हैं.

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(दाईं तरफ) लाल किले पर लगे झंडे की फोटो ; (बाईं तरफ) निशान साहिब के झंडे की फोटो

फोटो सोर्स: (पीटीआई/गूगल/क्विंट द्वारा ऑल्टर्ड)

दोनों झंडों का खालिस्तान के झंडे से मिलान करने पर भी ये साफ हो रहा है कि लाल किले पर खालिस्तान का झंडा नहीं है.

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लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज हटाए जाने का दावा भी झूठा था. ये विजुअल्स इसका सुबूत हैं.

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2.अमेरिका की मदद करने वाली अफगानी को तालिबान ने दी हेलिकॉप्टर से लटकाकर फांसी?

अगस्त में तालिबान ने जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया, तो पूरी दुनिया को आधिकारिक तौर पर ये पता चल गया कि अफगानिस्तान पर अब तालिबान का राज है. इसके बाद सोशल मीडिया पर तालिबान और अफगानिस्तान से जुड़े कई भ्रामक दावों का सिलसिला भी शुरू हो गया.

हेलिकॉप्टर से नीचे लटकते दिख रहे एक शख्स का वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि तालिबान ने अमेरिका की मदद करने वाले एक अफगानी नागरिक को हेलीकॉप्टर से लटकाकर फांसी दे दी. हालांकि, क्विंट की पड़ताल में सामने आया कि ये दावा सच नहीं था.

वीडियो इस दावे से शेयर करने वालों में जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी, एबीपी न्यूज के पत्रकार बृजेश राजपूत, पत्रकार श्वेता भट्टाचार्य समेत कई नाम शामिल हैं.

आज तक, ऑप इंडिया, इंडिया टुडे, रिपब्लिक टीवी समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स की रिपोर्ट में यही दावा किया गया. द क्विंट ने भी मामले को रिपोर्ट किया था

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सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

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वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर समझ आता है कि हैलीकॉप्टर में दिख रहा शख्स झूल रहा है और जीवित स्थिति में है. वीडियो को जूम-इन करने पर भी ऐसा कुछ नजर नहीं आता कि फांसी दिए जाने के दावे की पुष्टि हो.

अफगानी पत्रकार बिलाल सरवरी ने एक ट्वीट कर वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को निराधार बताया था.

अफगान न्यूज एजेंसी ने 30 अगस्त को एक ऐसा ही वीडियो ट्वीट किया था. कैप्शन में बताया था कि ये अफगानिस्तान के गवर्नर हाउस के ऊपर उड़ते Blackhawk हेलिकॉप्टर का है.

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3. अफगानिस्तान पर हमला करते पाकिस्तान का वीडियो नहीं, ये तो वीडियो गेम है

कई न्यूज चैनलों ने अपने बुलेटिन में एक वीडियो प्रसारित किया, जिसमें एक प्लेन हमला करता दिख रहा था. वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि ये इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के पंजशीर पर हवाई हमला कर रहा है.

रिपब्लिक भारत और टाइम्स नाऊ ने वीडियो को इसी दावे से प्रसारित किया.

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(सोर्स:स्क्रीनशॉट/Republic TV)

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Times Now Navbharat)

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हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये वीडियो असल में 'ARMA 3' नाम के एक वीडियो गेम की क्लिप है.

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4. पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम ने दी नीरज चोपड़ा को जीत की बधाई? 

भारत ने 7 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल जीता. भारत को ये मेडल मेंस जेवलिन के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने दिलाया. ओलंपिक में पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम का मुकाबला नीरज चोपड़ा के ही साथ था.

नीरज चोपड़ा की जीत की खबर आते ही सोशल मीडिया पर अरशद नदीम के ट्वीट का बताकर एक स्क्रीनशॉट शेयर होने लगा. इस ट्वीट में नीरज चोपड़ा को बधाई दी गई थी.

इंटरनेट यूजर्स के अलावा न्यूज चैनलों ने भी इस बात को सच मान लिया कि अरशद ने नीरज को बधाई दी, अपना आइडल बताया और पाकिस्तान को सॉरी बोला.

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टाइम्स नाऊ, लाइव हिंदुस्तान, लोकसत्ता, एनडीटीवी हिंदी समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने इसे एथलीट अरशद नदीम का असली ट्विटर हैंडल मान लिया.

हालांकि क्विंट की पड़ताल में सामने आया कि ये पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम का असली ट्विटर हैंडल नहीं है. हमने इस ट्विटर हैंडल के कुछ पुराने ट्वीट्स देखे. इन ट्वीट्स पर आए जवाब से पता चलता है कि असल में पहले ये अकाउंट 'सईद अनवर (CSS_25)' के नाम पर था.

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5. नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा वैक्सीन लगवा चुके लोग 2 साल में मर जाएंगे?

फ्रांसीसी वायरोलॉजिस्ट लूक मॉन्टैनियर के नाम से सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल ugE. इसमें दावा किया गया कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन लग लगवाई है, वो सभी ''दो सालों के अंदर मर जाएंगे'' और उनके बचने की कोई गुंजाइश नहीं है.

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लूक मॉन्टेनियर ने बेशक वैक्सीन को लेकर कई निराधार दावे किए, लेकिन उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा कि वैक्सीन लगवा चुके लोग 2 साल में मर जाएंगे. हमने वह पूरा इंटरव्यू देखा, जिसके आधार पर ये दावा किया जा रहा था. पूरे इंटरव्यू में उनका वैक्सीन के बाद 2 साल बाद मौत होने जैसा कोई बयान नहीं मिला.

हालांकि, जब इटरव्युअर ने उनसे " वैक्सीन के दुष्प्रभावों" के बारे में पूछा, तो जवाब में मॉन्टैनियर ने कहा कि ये 2 से 3 साल बाद पता चलेगा.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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