दावा
फेसबुक में एक वीडियो शेयर किया रहा जा रहा है, जिसमें एक पुलिस अफसर दो लड़कियों को गाली देते हुए और थप्पड़ मारते हुए दिख रहा है. वीडियो शेयर करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान ये घटना हुई.
दावे में लिखा है, "शेमफुल दिल्ली पुलिस # IndiaAgainstNRC." इस वीडियो को 22,000 से ज्यादा बार शेयर किया गया है और 1,400 से ज्यादा रिएक्शन मिले.
इसी वीडियो को एक अन्य फेसबुक यूजर ने शेयर किया है, जिसने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. हालांकि, वीडियो को चल रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़ने का कोई सीधा दावा नहीं है.
दावे में लिखा है, "दिल्ली पुलिस का एक पुरुष अधिकारी ACP सिंह सुरक्षा के नाम पर में एक लड़की को थप्पड़ कैसे मार सकता है? इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अगर लड़की की गलती थी तो इस पर लेडी कॉन्स्टेबल से कार्रवाई क्यों नहीं करवाई गई?
कई यूजर्स ने इसी दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया.
दावा सही या गलत?
वीडियो में कोई छेड़छाड़ नहीं किया गया है, लेकिन जिस दावे के साथ इसे शेयर किया जा रहा है वह झूठा है.
सबसे पहली बात, वीडियो 2013 में हुई एक घटना का है. इस क्लिप में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बानी सिंह अहलावत को दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल के बाहर एक प्रदर्शनकारी को थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है, जहां एक पांच वर्षीय रेप पीड़िता बच्ची जिंदगी के लिए जूझ रही थी. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह को इसके लिए सस्पेंड कर दिया गया था.
पड़ताल में हमें क्या मिला
जो वीडियो क्लिप शेयर किया जा रहा है, उसमें NDTV चैनल लोगो लगा हुआ है.
“female protester slapped Delhi police NDTV” कीवर्ड के साथ ऑनलाइन सर्च करने पर हमें एनडीटीवी की रिपोर्ट तक पहुंचे, जिसमें इस घटना का पूरा ब्यौरा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों से झड़प हुई थी.
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