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अनुच्छेद 370 के बवाल में ऐसे वायरल वीडियो का सच क्या है? 

अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद सोशल मीडिया में फेक न्यूज की बाढ़ 

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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के लिए राष्ट्रपति के आदेश के बाद सरकार के कदमों की बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है. कश्मीर की स्वायत्तता का समर्थन करते हुए नेशनल कांफ्रेंस नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि इसके खतरनाक अंजाम होंगे. पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने भी इसे घातक कदम बताया है. इस बीच, ऐसे वीडियो भी आ रहे हैं जिनमें दिखाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के गांव में लोगों को घेर कर एनकाउंटर किया जा रहा है.

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दावा

एक वीडियो में दिखाया गया है कि आर्मी के लोग एक गांव को घेर कर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. ट्विटर और यूट्यूब पर यह वीडियो एनकाउंटर के लाइव वीडियो के तौर पर सर्कुलेट किया जा रहा है. इस वीडियो को कश्मीर के एक गांव का बताया जा रहा है.

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अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद सोशल मीडिया में फेक न्यूज की बाढ़ 
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सच या झूठ

यह दावा बिल्कुल झूठा है. यह विजुअल कश्मीर का नहीं बल्कि उत्तराखंड के एक गांव चौबटिया में 2016 के दौरान भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास का है. डीडी न्यूज पर इसकी कवरेज हुई थी. वायरल वीडियो में गलत ढंग से इस वीडियो का इस्तेमाल किया गया है.

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फेक न्यूज का कैसे पता लगाया हमने?

इस वीडियो की सच्चाई पता करने के दौरान हमें ‘Know how Indian Army carries out search operations in Kashmir valley’. शीर्षक से एक वीडियो मिला. इसी हेडलाइन से हमने इसे डीडी के यूट्यूब पर खोजा. इससे पता चला कि यह उत्तराखंड के चौबटिया गांव में भारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास का विजुअल है.

इस खबर को डीडी के डिफेंस कॉरेस्पॉन्डेट नंदिता डागर ने कवर किया था. डागर इस वीडियो में इस अभ्यास के बारे में बता रही हैं. हमने जब इंटरनेट पर इसे खंगाला तो डागर की तस्वीर दिखी. यह 2016 के दौरान चौबटिया में सैन्य अभ्यास के दौरान ली गई थी.

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भारत-अमेरिका मिलिट्री एक्सरसाइज 2016 की यह तस्वीर ADGPI - Indian Army Facebook पर मौजूद है. इस बारे में पीआईबी वेबसाइट पर डिफेंस मिनिस्ट्री की प्रेस रिलीज भी मौजूद है.

इन वजहों से फेक न्यूज का पता चला

  • वीडियो क्लिप में डीडी न्यूज का लोगो था. अगर कश्मीर में ऐसी स्थिति होती तो मीडिया में अलर्ट होता और ऐसे हालात की जरूर कवरेज हुई होती.
  • अगर एनकाउंटर हो रहा होता तो किसी रिपोर्टर को ऐसी जगह पर खड़े रहने की इजाजत नहीं होती.
  • वीडियो का ऑडियो मॉर्फ कर दिया गया है जिससे यह संदर्भ से पूरी तरह कट गया है.
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