ADVERTISEMENTREMOVE AD

RTI से लेकर बाढ़ तक, जुलाई में ये फर्जी ‘खबरें’ रहीं सुर्खियों में

जुलाई में फेक न्यूज की शक्ल में जो सब आपकी नजरों के आगे से गुजरा, सबकी एकसाथ पड़ताल

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो प्रोड्यूसर: दिव्या चंद्रा

वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा

एंकर: बादशा रे

एक बार फिर उन खबरों की असलियत से रूबरू होने का समय आ गया है, जो वैसे ही फेक हैं जैसे कि मेरी डॉक्टर की डिग्री. आरटीआई बिल से जुड़ी जानकारी हो या बिहार और असम की बाढ़ इस फेक न्यूज के खेल के चपेट में सब हैं.

आरटीआई की ‘गलतफहमी’

आरटीआई एक्ट में संशोधन को लेकर बिल पेश करते वक्त केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि ये बीजेपी सरकार की देन है, जो पोर्टल के जरिए आरटीआई को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लेकर आई. बता दें कि ये दावा नकली है, क्योंकि 2013 की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो कि ओर से जारी जानकारी के मुताबिक ये वेब पोर्टल तब के UPA-2 सरकार में मंत्री रहे वी नारायणसामी ने लॉन्च किया था

गलतियां लाजिमी हैं?

अगर सच्चाई को परखने का इरादा ही न हो तब तो कोई भी फेक न्यूज का शिकार हो सकता है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का आया, उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें एक बूढ़ा शख्स एक नाबालिग के साथ जबरदस्ती करता दिखा. वीडियो में उन्होंने दिल्ली पुलिस को टैग किया और उन्हें अपराधी को गिरफ्त में लेने को कहा. लेकिन, एक तो पब्लिक, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस तरह के रेप वीडियो पोस्ट करना POCSO एक्ट के मुताबिक गैरकानूनी है और तो और ये वीडियो दिल्ली की नहीं बल्कि हैदराबाद की है जो मार्च महीने में बनी है.

मिरर नाउ और टाइम्स नाउ ने मालीवाल के ट्वीट के आधार पर स्टोरी भी पब्लिश कर दी.

तो देखा किस तरह से फेक न्यूज का वायरस फैलता है?

फेक न्यूज की ‘बाढ़’

पिछले एक महीने में असम और बिहार से बाढ़ की कई तस्वीरें ट्विटर और फेसबुक पर शेयर की गईं. लेकिन इनमें से ज्यादातर तस्वीरें सालों पुरानी निकलीं. असम या बिहार को तो छोड़ ही दीजिए इनमें से कई तस्वीरें तो भारत से भी नहीं थीं.

एक नवजात के शव की फोटो शेयर की गई दावा किया गया कि ये बिहार के बाढ़ की तस्वीर है. टीम ‘वेबकूफ’ ने इसे लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर पुलिस से बात की जिससे पता चला कि एक महिला ने बच्चे के साथ नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की थी और इसी में बच्चे की जान चली गई.

निष्कर्ष क्या निकला?

अगर आपने 20 लोगों को मैसेज फॉर्वर्ड नहीं किया तो रात 11:30 बजे से सुबह 6:00 बजे तक Whatsapp बंद हो जाएगा. फ्लिपकार्ट का 99% सेल, कानपुर में एक ऑटो ड्राइवर का ‘जय श्री राम’ बोलने से इनकार करने पर पीटा जाना. वगैरह-वगैरह...

फेक न्यूज की... ये लिस्ट लंबी है जुलाई महीने में कुछ फर्जी खबरों के झांसे में आप भी आ गए होंगे तो इससे बचिए. ज्यादा जानकारी और फेक न्यूज को रोकने के लिए, द क्विंट-क्विंट हिंदी पर WebQoof/ वेबकूफ सेक्शन पर जरूर आएं. एक्सक्लूसिव कंटेंट के लिए द क्विंट-क्विंट हिंदी को सब्सक्राइब करें. अगली बार तक के लिए, सुरक्षित रहें, समझदारी दिखाएं और अनवेरिफाइड फॉर्वर्ड चीजों को ना कहें

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें