सोशल मीडिया पर डेंगू (Dengue) को लेकर कई पोस्ट किए जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि बकरी के दूध से प्लेटलेट काउंट बढ़ाया जा सकता है और डेंगू ठीक किया जा सकता है. ये दावा ऐसे समय में किया जा रहा है जब दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब समेत कई राज्यों में डेंगू के मामले बढ़े हैं.
इस वजह से मध्य प्रदेश, यूपी, पंजाब और दिल्ली में बकरी के दूध की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, डॉक्टरों ने हमें बताया कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि इससे डेंगू को रोका या ठीक किया जा सकता है.
दावा
कई अलग-अलग सोशल मीडिया मैसेज में ये दावा किया गया है कि बकरी का दूध डेंगू के इलाज में मददगार है. जहां कुछ लोग बकरी के दूध की सलाह दे रहे हैं, तो वहीं कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बकरी का दूध बेचने की कोशिश भी की जा रही है.
हमें फेसबुक और ट्विटर पर ऐसे और भी कई दावे मिले.
दावों और न्यूज रिपोर्ट्स को खंगालने पर हमने पाया कि ऐसे दावे पहले भी किए जा चुके हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
डेंगू मच्छरों से से फैलने वाला एक वायरल इनफेक्शन है. ये फ्लेवीवीरिडी फैमिली के वायरस की वजह से होता है. रोग में बुखार, शरीर पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द और पीली हथेलियां जैसे लक्षण उभरते हैं.
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, डेंगू का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है. मरीजों का इलाज उनके लक्षणों के आधार पर किया जाता है.
डेंगू से पीड़ित को पर्याप्त आराम करने, थोड़ी-थोड़ी देर में खाने और पर्याप्त मात्रा में लिक्विड के सेवन का सलाह दी जाती है. डॉक्टर विटामिन सी, प्रोटीन और मसाले जैसे हल्दी और मेथी से भरपूर खाने की चीजें लेने की भी सलाह देते हैं.
हमने डेंगू के इलाज में बकरी के दूध के इस्तेमाल पर रिसर्च पेपर और स्टडीज चेक कीं. हमें किसी भी प्रतिष्ठित जर्नल में इससे जुड़ी कोई भी स्टडी नहीं मिली.
हमारी FIT टीम ने नई दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. सुरनजीत चटर्जी से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि ऐसी अफवाहों दशकों से चली आ रही हैं. हालांकि, उन्होंने बताया कि ऐसा कोई डॉक्युमेंटेड वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि बकरी के दूध से डेंगू के इलाज में मदद होती है. उन्होंने ये भी कहा कि ये भी साबित नहीं हुआ है कि दूसरे घरेलू नुस्खों से डेंगू पीड़ित को फायदा पहुंचता हो.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की एक टीम ने भी 2015 में यही बात कही थी.
AIIMS में मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. एसके शर्मा ने IANS से बताया, '' अगर इन्हें (एलोवेरा, पपीते के पत्ते और बकरी का दूध) लेने से दो या तीन लोगों में प्लेटलेट्स बढ भी जाता है तो ये इससे ये बात स्थापित नहीं होती कि ये डेंगू के इलाज में प्रभावी हैं. डेंगू के इलाज में इनकी प्रभावशीलता पर एक उचित नियंत्रित परीक्षण होना चाहिए.''
ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिससे साबित होता हो कि बकरी के दूध से डेंगू ठीक हो सकता है. डेंगू से पीड़ित लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और इसका इलाज करना चाहिए.
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