सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि श्मशान में अंतिम संस्कार करने पर भी 18% जीएसटी (GST) लग रही है. ये दावा ऐसे वक्त पर किया जा रहा है जब विपक्षी दल लगातार कुछ प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ने और कुछ वस्तुओं से जीएसटी की छूट वापस लेने के जीएसटी काउंसिल के सुझावों का काफी विरोध कर रहे हैं.
हालांकि, हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. श्मशान समेत कई तरह के इंफ्रास्ट्र्क्चर प्रोजेक्ट्स के निर्माण पर जीएसटी 12% से बढ़कर 18% हो गई है. लेकिन, श्मशान या क्रिमेटोरियम की तरफ से दी जाने वाली सेवाओं पर लगने वाला टैक्स इसमें शामिल नहीं है.
दावा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज है - "18% GST on Crematorium Services. यानी श्मशान सर्विस पर 18% GST, अब ऊपर भी बिना जीएसटी दिए?"
कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के सोशल मीडिया संयोजक वाय सतीश रेड्डी ने भी ये दावा सोशल मीडिया पर किया.
यही दावा करते पोस्ट्स का अर्काइव यहां और यहां देखा जा सकता है.
पड़ताल में हमने क्या पाया ?
हमने 47वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में की गई अनुशंसाएं चेक कीं, यहां कहीं भी ये जिक्र नहीं मिला कि श्मशान घाट की सेवाओं में भी जीएसटी लागू होगा.
हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट से जुड़े काम के ठेकों की एक कैटेगरी (Service for Work Contracts Category) हमें दिखी, जहां जीएसटी लगाया गया है. जीएसटी काउंसिल के सुझावों की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि सड़क, ब्रिज, रेलवे, मेट्रो, ट्रीटमेंट प्लांट, श्मशान आदि के निर्माण के ठेकों पर टैक्स 12% से बढ़कर 18% होना चाहिए.
अब हमने जीएसटी ऐक्ट में ये चेक करना शुरू किया कि क्या अंतिम संस्कार जैसी सेवाएं भी जीएसटी के दायरे में आती हैं?
जीएसटी एक्ट 2017 की तीसरे शेड्यूल में बताया गया है कि कौन कौन सी सेवाएं जीएसटी के दायरे से बाहर होंगी. इसी लिस्ट में श्मशान घाट की सेवाएं भी हैं. यहां लिखा है कि ''शव को ले जाने वाले वाहन, अंतिम संस्कार, दफनाने की प्रक्रिया और श्मशान या मुर्दाघर की सेवाएं''
मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा सच नहीं है कि श्मशान घाट की सेवाओं पर भी 18% जीएसटी लागू होगा.
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