दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक शख्स बेरहमी से दो महिलाओं की पिटाई कर रहा है. इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि ये पाकिस्तान का है और वहां हिंदू महिलाओं की हालत दिखा रहा है.
गोपाल गोस्वामी नाम के यूजर ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा, 'इमाम, कामरा, अरफा, स्वरा, ये पाकिस्तान में हिंदू बहनें हैं. इन बहनों का दुःख दर्द समझ आए, तो कुछ व्यक्त भी कर देना. रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपेठियों से तो बहुत याराना है. हिंदुओं से इतनी घृणा क्यों है?'
हैशटैग #सीएए_एनआरसी_सपोर्ट के साथ, यूजर भारत में नागरिकता कानून और एनआरसी लागू करने के समर्थन में बातें कहता दिख रहा है.
इस वीडियो में, शख्स बार-बार महिलाओं से कह रहा है कि वो ऐसा दोबारा नहीं करेंगी, वहीं महिलाएं शख्स से माफी मांग रही हैं.
इस वीडियो को अब तक 26 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं.
सच या झूठ?
इस वीडियो के साथ किया गया दावा एकदम झूठ है. ट्विटर यूजर ने दावा किया कि ये घटना पाकिस्तान में हुई, जबकि ये असल में जम्मू के रजौरी का है. वीडियो में महिलाओं से मारपीट कर रहे शख्स को गिरफ्तार भी कर लिया गया था.
वीडियो में जिन महिलाओं से बेरहमी से पिटाई हो रही है, वो हिंदू नहीं हैं.
क्या है सच?
हमने सॉफ्टवेयर Invid की मदद से वीडियो को ब्रेक कर उसके कीफ्रेम्स पर रिवर्स सर्च किया. एक कीफ्रेम सर्च करने पर हमें डेलीहंट की एक न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें लिखा है कि ये घटना जम्मू के रजौरी में हुई है और आरोपी का नाम पवन कुमार है. इसमें ये भी लिखा है कि शख्स मां और बेटी की बेरहमी से पिटाई कर रहा है.
इसके बाद हमने कीवर्ड के साथ सर्च किया, तो 21 जून 2018 को पीटीआई की एक न्यूज रिपोर्ट मिली, जिससे काफी बातें साफ हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना रजौरी में 13 जून 2018 की है. इसी दिन आरोपी पवन कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था.
पवन कुमार पर दो महिलाओं से बेरहमी से मारपीट करने का आरोप था. रिपोर्ट के मुताबिक, मां-बेटी की पहचान सकीना बेगम (45) और अबीदा कौसर (20) के तौर पर हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना का वीडियो तब भी वायरल हुआ था.
महिलाओं ने दावा किया था कि कुमार ने टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए उनकी पिटाई की, वहीं कुमार का कहना था कि दोनों ने उसके बेटे की पिटाई की थी. केस दर्ज होने के बाद कुमार फरार हो गया था और उसे फिर कठुआ से गिरफ्तार किया गया था.
कई मीडिया रिपोर्ट्स इस घटना की पुष्टि करती हैं.
इससे साफ होता है कि वीडियो के साथ गलत दावा किया जा रहा है.
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