सोशल मीडिया पर पेट्रोल/गैस स्टेशन की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें Indian Oil -Adani Gas लिखा दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि इंडियन ऑइल, अडानी ग्रुप को बेच दिया गया है. इस दावे के साथ ही “गैस स्टेशन पर अडानी का नाम होने को लेकर” केंद्र की मोदी सरकार की काफी आलोचना भी हो रही है.
बिहार यूथ कांग्रेस, कांग्रेस विधायक कुणाल पटेल समेत कई वेरिफाइड अकाउंट्स से यही दावा किया गया. वेबकूफ टीम की पड़ताल में सामने आया कि इंडियन ऑयल अडानी को बेचे जाने का दावा झूठा है. इंडियन ऑयल और अडानी के बीच शहरों में घरेलू गैस से जुड़े प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर एक पार्टनरशिप की गई थी, जो कि साल 2013 से ही चल रही है.
दावा
बिहार यूथ कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से दो तस्वीरें शेयर कर बीजेपी और कांग्रेस सरकार की तुलना की गई.
महाराष्ट्र सरकार में विधायक और कांग्रेस नेता कुणाल पाटिल ने भी फोटो इसी दावे से शेयर की
फेसबुक पर भी यही दावा किया जा रहा है
पड़ताल में हमने क्या पाया?
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की ऑफिशियल वेबसाइट चेक करने पर हमें पता चला कि इंडियन ऑयल ने कई निजी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है. वेबसाइट पर इन कंपनियों की सूची है और इस सूची म Adani Gas Ltd.. का भी नाम है.
हमने अलग-अलग कीवर्ड्स के जरिए इंडियन ऑयल और अडानी की पार्टनरशिप के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया.
न्यूज एजेंसी PTI की 30 जुलाई, 2019 की रिपोर्ट हमें मिली. इसके मुताबिक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और उसकी पार्टनर कंपनी अडानी गैस लिमिटेड 10 शहरों में पाइप्ड नैचुरल गैस को घरेलू रसोइयों तक पहुंचाने और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सीएनजी उपलब्ध कराने के लिए 9,600 करोड़ रुपये के निवेश से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इंडियन ऑयल और अडानी गैस लिमिटेड के बीच ये पार्टनरशिप साल 2013 में शुरू हुई थी. दोनों कंपनियों ने 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ एक जॉइंट वेंचर की शुरुआत की थी, जिसका नाम है इंडियन ऑइल अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड (IOAGPL). Bloomberg Quint की वेबसाइट पर भी इस पार्टनरशिप की जानकारी दी गई है.
इंटरनेट पर हमें हाल की ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे इस दावे की पुष्टि होती हो कि इंडियन ऑयल का मालिकाना हक अडानी को मिल रहा है. IOAGPL की ऑफिशिल वेबसाइट भी हमने चेक की. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, इंडियन ऑयल और अडानी ग्रुप के इस जॉइंट वेंचर की शुरुआत देशभर के शहरों में घरेलू गैस से जुड़े प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए हुई थी. यानी अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी इंडियन ऑयल कंपनी के एक प्रोजेक्ट में है न की पूरे इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में.
मतलब साफ है कि वायरल फोटो में दिख रहा इंडियन ऑयल -अडानी गैस लिमिटेड एक जॉइंट वेंचर है. इसमें अडानी और इंडियन ऑयल की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ये पार्टनरशिप 2013 में ही हो चुकी है. पड़ताल में ये पुष्टि नहीं हो सकी कि वायरल फोटो किस जगह की है. लेकिन ये साफ हो गया कि इंडियन ऑयल अडानी को बेंचे जाने का दावा झूठा है.
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