दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि कश्मीर के लोगों ने सड़कों पर उतरकर भारत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. वायरल दावे के मुताबिक, ये प्रदर्शन बुधवार, 7 अगस्त को किया गया.
ये वीडियो केंद्र सरकार के 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद आया है. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर को अब दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया है- एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख.
वीडियो में कई महिलाएं 'आजादी' के नारे लगाती देखी जा सकती हैं. वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, 'भारत से अपनी जमीन वापस लेने के लिए कल भारत सरकार के खिलाफ हजारों कश्मीरी सड़कों पर उतरे. इनमें से एक कश्मीरी ने इस वीडियो को पूरी दुनिया में फैलाने का अनुरोध किया, क्योंकि भारतीय मीडिया इतनी बड़ी रैली को कवर नहीं कर रही है. तो प्लीज इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.'
फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया.
सच या झूठ?
जिस वीडियो के साथ ये दावा किया जा रहा है, वो गलत है. ये सच है कि ये वीडियो जम्मू और कश्मीर से है, लेकिन ये वीडियो आर्टिकल 370 हटने के बाद का नहीं है. ये वीडियो दिसंबर 2018 का है.
हमें जांच में क्या मिला?
हमें वीडियो में 'बारामुला सेंट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड' नाम की एक होर्डिंग दिखी, जिसमें ब्रांच का नाम 'हाजिन' लिखा हुआ था. इससे ये साफ हो गया कि वीडियो जम्मू और कश्मीर का ही है.
असली वीडियो ढूंढने के लिए, हमने यूट्यूब पर 'महिला कश्मीर आजादी' कीवर्ड्स से सर्च किया और दिसंबर 2018 में अपलोड हुआ एक वीडियो मिला. इस वीडियो का टाइटल था, 'आजादी के नारे लगातीं कश्मीर की महिलाएं | कश्मीर को आजादी चाहिए.'
ये साफ है कि इस वीडियो का आर्टिकल 370 और जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात से कुछ लेना-देना नहीं है, लेकिन ये रैली क्यों निकाली गई, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है.
(इस कॉपी को दिसंबर 2018 की रैली के बारे में जानकारी मिलते करते ही अपडेट किया जाएगा.)
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