लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के प्रचार के बीच सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक एडिट किया हुआ वीडियो वायरल है. इसमें राहुल कहते दिख रहे हैं
''देश का एक्स-रे कर देंगे, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. माइनॉरिटीज (अल्पसंख्यकों) को पता लग जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है. इसके बाद हम फाइनेंशियल और इंस्टीट्यूशनल सर्वे करेंगे. ये पता लगाएंगे कि हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है. कौनसे वर्ग के हाथ में है. और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे. जो आपका हक बनता है, वो हम आपके लिए आपको देने का काम करेंगे.''
ये वीडियो ऐसे वक्त पर शेयर किया जा रहा है जब दो दिन पहले ही राजस्थान के बांसवाड़ा की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि, वो देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का मानते हैं. क्विंट ने इस दावे की पड़ताल भी की है. राहुल गांधी के इस वीडियो को ऋषि बागरी नाम के X यूजर ने शेयर किया.
क्या ये सच है ? : नहीं, राहुल गांधी के वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है. अपने भाषण में राहुल जिस वाक्य में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं. उस वाक्य से एडिटिंग के जरिए बाकी वर्गों का नाम हटाया गया, ये दावा करने के लिए कि राहुल सिर्फ अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं. असल में राहुल ये कह रहे हैं कि फाइनेंशियल सर्वे से पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों को पता चल जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : हमने सबसे पहले राहुल गांधी का वो पूरा भाषण सर्च किया, जिसका एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल है. हमें राहुल गांधी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर ये भाषण मिला. वीडियो 6 अप्रैल को हैदराबाद में कांग्रेस के घोषणा पत्र के शुभारंभ को लेकर हुई रैली का है.
31: 30 मिनट पर भाषण का वही हिस्सा आता है, जिसका अधूरा हिस्सा वायरल हो रहा है. यहां राहुल कहते हैं
जैसे ही हमारी सरकार आएगी, जो हमने तेलंगाना में किया, जाति जनगणना को हम पूरे देश में लागू कर देंगे. देश का एक्सरे कर देंगे. दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. पिछड़े वर्ग को दलितों को आदिवासियों को, गरीब जनरल कास्ट को, माइनॉरिटी को पता चल जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है.राहुल गांधी
भाषण के इस हिस्से से ये शब्द हटाए गए पिछड़े वर्ग को दलितों को आदिवासियों को, गरीब जनरल कास्ट को. और सिर्फ माइनॉरिटी शब्द रहने दिया. जिससे कि वीडियो देखने वाले को लगे कि राहुल ने सिर्फ अल्पसंख्यकों की बात की है.
निष्कर्ष : राहुल गांधी के भाषण का अधूरा हिस्सा गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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