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RECAP : मोहन भागवत, मनोज तिवारी, राहुल गांधी से जुड़े भ्रामक दावे

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल हुए भ्रामक दावों का सच

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लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के लिए 25 मई को 6वें चरण की वोटिंग होनी है. चुनावी माहौल में इस हफ्ते भी चुनाव से जुड़ी फेक न्यूज का सिलसिला जारी रहा. एक नजर में जानिए इन अफवाहों का सच.

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चुनाव के बीच का है कांग्रेस की तारीफ करते RSS प्रमुख का ये वीडियो ? 

सोशल मीडिया पर RSS प्रमुख मोहन भागवत का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कांग्रेस पार्टी की तारीफ करते दिख रहे हैं. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि, "लोकसभा चुनावों के बीच मोहन भागवत कांग्रेस और उसके संस्थापकों की तारीफ कर रहे हैं. क्या यह बदलाव की हवा है."

यह दावा सच नहीं है. यह वीडियो पुराना है. वायरल वीडियो 17 सितंबर 2018 के भाषण का एक हिस्सा है. .

  • साल 2018 में RSS ने दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिवसीय 'भारत का भविष्य' नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में शिक्षा, व्यवसाय और फिल्म इंडस्ट्री सहित समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.

  • मोहन भागवत ने इस कार्यक्रम के पहले दिन एक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के बारे में यह बातें कहीं थी.

पूरी पड़ताल यहां देखें

मनोज तिवारी ने लोकसभा चुनाव में वोटिंग से पहले मांगी हार? 

सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से प्रत्याशी मनोज तिवारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि मनोज तिवारी ने चुनाव खत्म होने से पहले ही अपनी हार मान ली है. दिल्ली की 7 सीटों पर 25 मई को वोटिंग होनी है.

वीडियो में मनोज तिवारी कहते हैं कि, "देखो हमको अपनी हार का एहसास तो हो गया. बट दुःख यह होता था की मैं बहुत दिनों से जीतता-जीतता-जीतता था मुझे लग गया था की यार हार आ गई है."

यह दावा सच नहीं है. मीडिया प्लेटफॉर्म JIST के Youtube चैनल पर मनोज तिवारी का ये पूरा इंटरव्यू 31 मार्च 2024 को अपलोड किया गया था.

  • इस वीडियो में मनोज तिवारी लोकसभा चुनावों की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने पहले चुनाव की बात कर रहे हैं.

  • मनोज तिवारी बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने साल 2009 में अपना पहला चुनाव गोरखपुर से समाजवादी पार्टी की सीट से लड़ा था और वो चुनाव हार गए थे.

  • मनोज तिवारी कह रहे हैं कि उन्हें उस वक्त हार साफ दिख रही थी लेकिन वह चुनाव लड़ने से मना नहीं कर पाए.

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कन्हैया कुमार ने किया हिंसा करने वाले नक्सलियों का समर्थन ? 

सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार का एक वीडियो वायरल है. वीडियो में कन्हैया कहते दिख रहे हैं ''सारे शहीदों को शहादत का दर्जा दिया जाए और जो इनको शहीद बना रहे हैं, उनके खिलाफ जंग छेड़ी जाए. मैं बता रहा हूं जिन्हें नक्सली बताकर मारा जा रहा है, वो भी शहीद हैं, भोलेभाले आदिवासी हैं. जो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद हो रहा है, वो भी इनके जैसा एक गरीब है.''

वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कन्हैया कुमार ने हिंसा करने वाले नक्सलियों को शहीद कहा.

  • 2016 में NDTV पर हुए कन्हैया कुमार के इंटरव्यू का अधूरा हिस्सा गलत संदर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है.

  • वायरल हो रही क्लिप के आगे और पीछे का पूरा हिस्सा सुनने पर पता चलता है कि कन्हैया उन लोगों को शहीद बता रहे हैं, जिन्हें नक्सली बताकर मार दिया जाता है. साथ ही वो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद होने वाले सेना के जवान को भी शहीद बता रहे हैं.

  • इंटरव्यू के एक दूसरे हिस्से में कन्हैया ने ये भी कहा है कि वो नक्सली हिंसा का समर्थन नहीं करते.

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PM मोदी ने हैदराबाद में किया AIMIM का समर्थन ? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का एक वीडियो यह दावा करते हुए शेयर किया जा रहा है कि इसमें वो हैदराबाद, तेलंगाना में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का समर्थन कर रहे हैं.

वायरल क्लिप में पीएम मोदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "तेलंगाना के लोग कांग्रेस को ना, BRS को ना, बीजेपी को ना कह रहे हैं, हम केवल MIM को वोट देंगे. हम MIM को जिताएंगे."

वीडियो को एडिट करके दावा किया गया है कि पीएम मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए AIMIM का समर्थन किया है. हालांकि असल वीडियो में उन्हें यह कहते हुए दिखाया गया है कि तेलंगाना के लोग बीजेपी को जिताएंगे.

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तरबूज में रंग मिलाते दिख रहे शख्स के वीडियो का सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति यह स्वीकार कर रहा है कि उसे तरबूज में लाल आर्टिफिशियल रंग का इंजेक्शन लगाते हुए पकड़ा गया है. इस वीडियो में बोलता दिख रहा शख्स एक पुलिस की वर्दी में है और वही कैमरापर्सन भी है,

वीडियो के कैप्शन में 'शांतिदूत' शब्द का इस्तेमाल किया गया है. सोशल मीडिया पर अकसर मुस्लिम समुदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए तंज के रूप में इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. इस शब्द के जरिए ये दावा करने की कोशिश है कि वीडियो असली घटना का है, और इसमें मुस्लिम शख्स तरबूज में कलर मिलाता दिख रहा है.

यह असली घटना नहीं, बल्कि स्क्रिप्टेड वीडियो है. वीडियो में एक काल्पनिक स्क्रिप्ट होने का डिस्क्लेमर भी दिया गया है.

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