दावा
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग एक मंदिर में पथराव करते दिख रहे हैं. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि जब मंदिर में महिलाएं भजन-कीर्तन कर रही थीं, तब कुछ लोगों ने जाकर पथराव किया. इस घटना को एक महिला ने कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया और ये वीडियो वायरल हो गया है, लेकिन कोई भारतीय न्यूज चैनल इसे नहीं दिखाएगा. पोस्ट में कहा गया है कि हमलावर, जिन्होंने मंदिर में पथराव किया, वे मुसलमान थे.
7 जुलाई को ट्विटर पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में ये भी दावा किया गया है कि ये घटना फरीदाबाद के अटाली में 6 जुलाई की शाम हुई.
इस वीडियो को ट्विटर पर कई यूजर्स ने शेयर किया है.
फेसबुक पर भी ये पोस्ट वायरल हो रहा है.
सच या झूठ?
जिस दावे के साथ इस वायरल वीडियो को शेयर किया जा रहा है, वो झूठा है. ये वीडियो 2015 में दूसरे शहर में हुई घटना का है.
ट्वीट्स के कमेंट सेक्शन में कुछ यूजर्स ने कहा है कि ये वीडियो किसी मंदिर का नहीं, बल्कि जयपुर की एक मस्जिद का है और ये घटना 4 साल पुरानी है.
इसके बाद हमने जयपुर में मस्जिद खोजे, जिसमें हमें ये लिस्ट मिली:
हमें जांच में क्या मिला?
वीडियो देखने के बाद, ये बात साफ हो गई कि कुछ लोग एक धार्मिक जगह पर पथराव कर रहे हैं, लेकिन वो जगह मस्जिद थी, न कि मंदिर. इस वीडियो को फेसबुक पर ढूंढने के बाद, हमें इसी दावे के साथ ये वीडियो मिला, जो 3 जुलाई, 2015 को अपलोड किया गया था. यही पोस्ट वायरल भी हो गया था और इसे 6 लाख से ज्यादा बार शेयर किया गया था.
यूट्यूब पर भी ये वीडियो चार साल पहले अपलोड किया गया था.
तो इससे पता चलता है कि ये वीडियो काफी समय से वायरल हो रहा है. ये जानने के लिए कि वीडियो में किस मस्जिद की बात हो रही है, हमने जयपुर की मस्जिदों को खोजा. संगानेर की कागदी कॉलोनी की जामा मस्जिद खोजने के बाद, हमें कुछ तस्वीरें मिली जिसमें वैसी ही मस्जिद दिख रही है जो वीडियो में है.
तस्वीरें देखने के बाद ये साफ होता है कि ये वही मस्जिद है, जो वीडियो में दिख रही है. मस्जिद की एंट्रेंस, तीन गुंबद और बाकी सब कुछ वैसा ही है, जैसा वीडियो में है. इसलिए, हम ये निष्कर्ष निकालने में सक्षम थे कि वीडियो में दिख रही मस्जिद जयपुर जिले के संगानेर में कागजी कॉलोनी की जामा मस्जिद है.
फेसबुक पर ये कीवर्ड्स सर्च करने के बाद, हमें 6 जुलाई, 2015 का एक पोस्ट मिला, जिसमें वही वीडियो है. इस वीडियो के साथ लिखा है कि बरेलवी समुदाय ने संगानेर में मस्जिद में हमला किया, जहां तबलिगी जमात नमाज पढ़ती थी.
ये पोस्ट करने वाले मोहम्मद फारुक अली ने ये भी लिखा था कि इस हमले के बाद सभी मुस्लिमों को शर्म आनी चाहिए.
क्विंट स्वतंत्र रूप से घटना को वेरिफाई नहीं कर पाया है. हालांकि, जिस दावे के साथ वीडियो को शेयर किया जा रहा है, वो पूरी तरह से गलत है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)