सोशल मीडिया पर साल 2018 और 2019 की तस्वीरों को चुनावी नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में TMC कार्यकर्ताओं की हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा है. ये सच है कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के 2 मई को आए नतीजों के बाद से ही पश्चिम बंगाल से हिंसा की खबरें आ रही हैं. लेकिन, वायरल हो रही इन तस्वीरों का बंगाल हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
पड़ताल में हमने क्या पाया?
2 मई को आए चुनावी नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में TMC दोबारा सत्ता में आ गई है. नतीजों के बाद राज्य के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें आ रही हैं.
बंगाल से कई बीजेपी नेताओं और समर्थकों पर कथित हमले की खबरें आई हैं. आराम बाग स्थित बीजेपी दफ्तर में भी आगजनी हुई. इस घटना की कई तस्वीरों और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. लेकिन वायरल हो रही, सभी तस्वीरें पश्चिम बंगाल में हाल में हो रही हिंसा की नहीं हैं.
फोटो - 1
फोटो को रिवर्स सर्च करने से हमें 2018 की एक न्यूज रिपोर्ट मिलीं. इन रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ये फोटो 2018 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल में हुए धार्मिक टकराव की है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना वेस्ट बुर्दवान के सैटेलाइट टाउन के पास हुई थी.
हमें हिंदुस्तान टाइम्स वेबसाइट पर साल 2018 की रिपोर्ट में भी यही फोटो मिली. फोटो का क्रेडिट न्यूज एजेंसी PTI को दिया गया है.
फोटो 2
वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें एबीपी न्यूज का साल 2019 का एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में यही फोटो है.
ट्वीट 14 मई, 2019 को किया गया था. तस्वीरें बीजेपी कार्यकर्ताओं और टीएमसी से जुड़े स्टूडेंट एक्टिविस्ट्स के बीच हुए टकराव की हैं. ये टकराव पश्चिम बंगाल में हुए अमित शाह के रोड शो के दौरान हुआ था.
अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा की यही तस्वीर The Statesman में छपी रिपोर्ट मेंभी है.
मतलब साफ है कि साल 2018 औऱ 2019 की हिंसा की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल में हाल में हो रही हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा है.
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