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शाहीन बाग का नहीं है ये वीडियो, BJP नेता ने किया झूठा दावा

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने किया ये दावा

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें एक मौलवी कहता सुनाई दे रहा है, ‘हमारे नौजवान बच्चों को हमने एक दफा इशारा कर दिया और उकसा दिया, तो हमारे बच्चे उनसे कई ज्यादा ताकत रखते हैं.’ बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मौलवी के बयान से एक लाइन लिखी, ‘वो जीना चाहते हैंऔर हमारे बच्चे मरने को तैयार हैं.’ इसके बाद पात्रा ने लिखा, 'खतरनाक, काफी खतरनाक है, देर हो जाए इससे पहले जाग जाओ!!'

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संबित पात्रा ने इस वीडियो के जरिए कोई आरोप नहीं लगाया, लेकिन इस वीडियो को उन्होंने क्यों शेयर किया और वो इसके जरिए क्या कहना चाह रहे थे, ये भी साफ नहीं किया.

एक और बीजेपी नेता, मेजर सुरेंद्र पूनिया ने वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि ये वीडियो शाहीन बाग का है.

अपने ट्वीट में पूनिया ने लिखा, 'क्या यह सुसाइड बॉम्बर है या सेक्युलर बॉम्बर? खुलेआम नफरत/हिंसा की धमकी दे रहा है हिंदुओं के खिलाफ... शाहीन बाग से कितने मुखौटे ओर निकलेंगे? दिल्ली पुलिस इनकी जुबान और कमर में दर्द है.. इस आदमी की जगर खुली सड़क नहीं है... जरा इनको समझाइए रि यह पाकिस्तान नहीं हिंदुस्तान है.'

कई दूसरे ट्विटर यूजर्स ने भी वीडियो को शाहीन बाग का बताते हुए शेयर किया.

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने किया ये दावा
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने किया ये दावा
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने किया ये दावा
दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं को विवादित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं. शाहीन बाग दूसरे कई शहरों में प्रदर्शन का एक प्रतीक बन गया है. 
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वीडियो सच या झूठ?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही 45 सेकेंड की ये क्लिप एक वीडियो का हिस्सा है. इस पूरे वीडियो में जमियात-उलेमा-ए-हिंद के जिला अध्यक्ष मुफ्ती रईस झारखंड में हुए तबरेज अंसारी लिंचिंग मामले के बारे में बोल रहे हैं. जून 2019 में, चोरी के शक में भीड़ ने तबरेज अंसारी को बुरी तरह पीटा था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.

इस वायरल क्लिप से छेड़छाड़ नहीं की गई है, लेकिन जिस दावे के साथ इसे शेयर किया जा रहा है, वो गलत है.

इस बयान के बाद, 'भड़काऊ भाषण' के लिए मुफ्ती रईस पर केस दर्ज किया गया था. द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मुफ्ती पर आईपीसी के सेक्शन 153 A(1)(b), और 505-2 के तहत मामला दर्ज हुआ था.

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हमें जांच में क्या मिला?

जब इस वीडियो को हमने ब्रेक किया और रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें जून 2019 में यूट्यूब पर अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला. इस वीडियो में कहा गया है कि मौलवी तबरेज अंसारी मामले की बात कर रहा है.

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने किया ये दावा

इसके बाद, हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किए और एक दूसरा वीडियो मिला, जिसे ‘मुफ्ती रईस’ नाम के यूजर ने अपलोड किया था.

हमने इसके बाद न्यूज रिपोर्ट्स के लिए गूगल पर सर्च किया, जिसके बाद हमें द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट मिली, जो 1 जुलाई 2019 को पब्लिश हुई थी. इस रिपोर्ट में मौलवी पर 'भड़काऊ भाषण' के लिए केस दर्ज होने की भी बात लिखी है. हमें अमर उजाला की भी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें यही बात कही गई है.

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