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DMK नेता महिला डॉक्टर को पीट रहा था? झूठा है ये दावा

कोरोना का इलाज कर रही डॉक्टर को पीटे जाने के नाम से वायरल हो रहा था वीडियो

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हाल में एक वीडियो सोशल मीडिया, खासकर वॉट्सऐप पर सर्कुलेट हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि डीएमके का एक नेता ए सेल्वा कुमार एक महिला को पीट रहा है. इस वीडियो के सहारे दावा किया जा रहा है कि सेल्वा कुमार कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर को पीट रहा है.

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जो दावा है और मैं कोट कर रही हूं ''तमिलनाडु में डीएमके लीडर सेल्वा कुमार ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर को पीट रहा है. इस वीडियो को इतना फॉरवर्ड कीजिए कि इसे सजा हो'' लेकिन क्विंट की वेबकूफ टीम को इस वीडियो में कुछ अटपटा लगा, लिहाजा हमने इसकी पड़ताल की.

इस वायरल वीडियो में एक मीडिया आउटलेट ‘puthiyathalaimurai.com’ का जिक्र था. यूट्यूब पर सर्च करने पर पता चला कि ये वीडियो 12 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया था. इसी वीडियो का एक वर्जन एक फेसबुक यूजर ने भी अपलोड किया है. इस वीडियो में जो टाइम स्टाम्प नजर आ रहा है, उसमें 2018 लिखा है. लेकिन चूंकि वीडियो की क्वालिटी खराब है इसलिए हमें तारीख नजर नहीं आ रही और पड़ताल करने पर इससे संबंधित एक रिपोर्ट हमें 'दि न्यूज मिनट' में दिखी जो कि 13 सितंबर 2018 को छपी थी.

आर्टिकल को पढ़कर इतना तो कन्फर्म हो गया कि वीडियो में दिख रहा शख्स दरअसल सेल्वा कुमार ही है. लेकिन जिस महिला को वो पीट रहे हैं वो डॉक्टर नहीं बल्कि एक ब्यूटी पार्लर की मालकिन है.
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क्या था पूरा मामला?

उस आर्टिकल में पुलिस के हवाले से लिखा गया है कि घटना मई 2018 की है. ये मयूरी ब्यूटी पार्लर, पेरमबलूर में पुराने बस अड्डे के पास है. पार्लर की मालकिन सत्या का सेल्वाकुमार से पैसे को लेकर विवाद था. सेल्वा कुमार इसी शहर में फर्नीचर की दुकान चलाता था.

सेल्वा कुमार जो कि उस वक्त डीएमके पेरमबलूर जिला यूनिट में था, वो पैसे की लेन-देन के सिलसिले में सत्या से मिलने गया था. विवाद हुआ और फिर नौबत मारपीट तक पहुंच गई. जिसके आखिर में सेल्वा कुमार ने उस महिला की बुरी तरह पिटाई कर दी.

द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक सत्या ने इस बारे में सितंबर 2018 में सेल्वा कुमार के खिलाफ शिकायत भी दी थी, जिसके बाद सेल्वा कुमार को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद डीएमके ने भी सेल्वा कुमार को पार्टी से सस्पेंड कर दिया. लेकिन उसे फिर से 30 नवंबर 2018 को पार्टी में बहाल कर दिया गया.

तो हकीकत ये है कि वीडियो तो सही है लेकिन उसके साथ किया जा रहा दावा नहीं. ये वीडियो 2018 का है जिसमें एक ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला है, न कि कोरोना के समय ड्यूटी पर तैनात कोई डॉक्टर.

कोरोना के समय फेक न्यूज की आई बाढ़ से आप बचें, इसके लिए क्विंट की वेबकूफ टीम लगातार कोशिश कर रही है. अगर आप भी किसी वीडियो की सच्चाई पता लगाना चाहते हैं तो हमें webqoof@thequint.com पर लिखें. इस बीच आप क्विंट हिंदी को लाइक, शेयर और सब्सक्राइव करें और वेबकूफ बनने से बचें.

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