ऑनलाइन वोटिंग, सुनने में कितना अच्छा लगता है. दुनियाभर में दर्जन भर से ज्यादा देशों में इस प्रक्रिया को अपनाया भी जा चुका है. पहली बार इसे अमेरिका में साल 2000 में लाया गया था, जिसके बाद दुनिया के 14 देशों में इसे उपयोग में लाया गया और चुनाव में वोटिंग ऑनलाइन माध्यम से भी कराई जाने लगी. भारत में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं और ऐसे में भारत में भी ऑनलाइन वोटिंग को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया में इस दावे के साथ एक पोस्ट वायरल हुई है कि भारत में भी ऑनलाइन वोटिंग कराई जा रही है.
क्या है दावा?
जैसे ही चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा की, सोशल मीडिया पर इन तारीखों और चुनाव से जुड़ी जानकारियों का ढेर लग गया. ऐसे में एक पोस्ट व्हाट्सऐप और बाकी के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर काफी वायरल हो रही है. इस पोस्ट में ये दावा किया जा रहा है कि विदेश में रहने वाले भारतीय, जिनके पास भारत का पासपोर्ट है वो अब ऑनलाइन वोटिंग के माध्यम से वोट कर सकते हैं.
इसी पोस्ट में चुनाव आयोग की वेबसाइट का लिंक भी है और बताया जा रहा है कि लोग इस लिंक पर जाकर रजिस्टर कर सकते हैं.
दावा सच्चा या झूठा?
बता दें कि ये आधा सच है. चुनाव आयोग विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए ऑनलाइन रजिस्टर करने की सुविधा तो देती है लेकिन वोट डालने के लिए उनको भारत ही आना पड़ेगा. वायरल पोस्ट में ये दावा था कि अब ऑनलाइन वोटिंग होगी और एनआरआई लोगों के लिए ये सुविधा लाई जा रही है.
अगर कोई 18 साल या उससे ज्यादा उम्र का है तो वो नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल या वोटर हेल्पलाइन मोबाइल ऐप पर रजिस्टर कर सकता है.
एनआरआई नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल पर फॉर्म 6A भर कर रजिस्टर कर सकते हैं.
एक वोटर के तौर पर तो वो अपने आपको रजिस्टर कर लेंगे लेकिन वोट डालने के लिए उनको भारत आना पड़ेगा और अपने क्षेत्र में जाकर वोट डालना होगा.
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि उन्होंने डीसीपी को लिखकर ये बताया है कि आयोग ने दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कर दी है और फेक न्यूज मामले की जांच जारी है.
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