हिंदी न्यूज चैनल TV9 Bharatvarsh ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि महाराष्ट्र में टमाटर में पाए जाने वाले एक वायरस ने आतंक मचा रखा है. चैनल ने दावा किया कि ये 'तिरंगा वायरस', कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है.
हालांकि चैनल का ये दावा झूठा और भ्रामक है. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि 'तिरंगा वायरस' इंसानों को संक्रमित कर सकता है या उन्हें मार सकता है.
दावा
13 मई को TV9 Bharatvarsh चैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस वायरस को महाराष्ट्र के किसानों ने रिपोर्ट किया है. रिपोर्ट में कहा गया कि ये कोरोना वायरस का नया वर्जन है, जो सब्जियों में मिलाया गया है.
ये उस न्यूज पैकेज का एक स्क्रीनशॉट है, जो कहता है- 'कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक वायरस की एंट्री?'
रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना वायरस का इलाज अभी मिला नहीं है, और इस बीच एक और खतरनाक वायरस आ गया है और ये लोगों के किचन में मिलता है, टमाटर में.
रिपोर्ट में बताया गया कि इस वायरस ने टमाटरों पर अटैक कर दिया है और इसकी फसल खराब कर दी. रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस टमाटर का शेप और कलर बदल देता है और उनमें गड्ढे हो जाते हैं. साथ ही टमाटर अंदर से काले पड़ जाते हैं.
रिपोर्ट के आखिर में कहा जाता है कि सैंपल लैब में टेस्ट के लिए भेजे गए हैं.
कई लोगों ने रिपोर्ट देखने के बाद सोशल मीडिया पर इससे बचने के तरीके पर सवाल पूछे और कई ने इस पर ही सवाल उठाया.
हमें क्या मिला?
क्विंट ने इस वायरस के बारे में मशहूर वायरोलॉजिस्ट डॉ जैकब टी जॉन से बात की. डॉ जैकब ने TV9 Bharatvarsh के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया.
प्लांट वायरस इंसानों को संक्रमित नहीं करते. इंसानों की कोशिकाओं में घुसने के लिए वायरस को जो रिसेप्टर चाहिए होते हैं, वो प्लांट वायरस में बहुत अलग होते हैं. डरने की कोई बात नहीं है.डॉ जैकब टी जॉन
उन्होंने कहा कि अगर कोई शख्स संक्रमित टमाटर खा भी लेता है, तो उसका कोई प्रभाव नहीं होगा. डॉ जैकब ने कहा, "हम जो सब्जी खाते हैं, वो ज्यादातर वायरस से संक्रमित होती हैं."
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चह्वाण ने रिपोर्ट को 'गैरजिम्मेदार रिपोर्टिंग' बताया.
'तिरंगा वायरस' क्या है?
इंडियन एक्सप्रेस ने 2 मई को एक रिपोर्ट में कहा कि महाराष्ट्र के टमाटर किसानों ने एक अज्ञात बीमारी के बारे में बताया है, जो टमाटर को जल्दी पका रही है. रिपोर्ट में सतारा जिले के एक किसान अजित कोरडे का बयान था, जिसने बताया कि इस बीमारी की वजह से फसल खराब हो रही है.
रिपोर्ट में कहीं भी कोरोना वायरस या इंसानों के संक्रमित होने का जिक्र नहीं था. इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस ने 14 मई को भी इस पर एक खबर की. उसमें भी सैंपल लैब भेजे जाने की कोई बात नहीं थी.
12 मई को हिंदू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट में भी सिर्फ वायरस के टमाटर की फसल पर प्रभाव का जिक्र था. साथ ही बताया गया था कि सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.
क्विंट को 15 मई की TV9 Bharatvarsh की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें चैनल कह रहा है कि लोग उसकी एक रिपोर्ट को कोरोना वायरस से जोड़ रहे हैं और इसके बारे में अफवाह फैला रहे हैं. चैनल ने दावा किया कि रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं था.
रिपोर्ट में अफवाहों के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पहले की रिपोर्ट में सिर्फ बताया गया है कि टमाटर की फसलों को नुकसान हुआ है.
हालांकि TV9 Bharatvarsh ने अब उस भ्रामक रिपोर्ट को हटा लिया है, जिसमें टमाटर के वायरस से इंसानों की मौत होने की बात कही गई थी.
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