सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में कुवैत के सिंगर को राम मंदिर की मांग के समर्थन में गाना गाते हुए देखा जा रहा है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस वायरल वीडियो में सिंगर मुबारक अल-रशीद, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में ये गाना गा रहे हैं.
इस वीडियो को 'पॉलिटिक्स सॉलिटिक्स ' नाम के फसबुक पेज से अपलोड किया गया था.
इस वीडियो में अल-रशीद, "जो राम का नहीं, मेरे काम का नहीं, बोलो राम मंदिर कब बनेगा" गीत गाते हुए दिख रहे हैं. इस वीडियो को नवंबर के पहले सप्ताह में अपलोड किया गया था. 9 नवंबर तक इस वीडियो को 33,300 से अधिक लोगों ने शेयर किया और 5 लाख 70,000 से अधिक लोग देख चुके थे.
इस वीडियो में सुषमा स्वराज कुवैती गायक की तारीफ करते और हौसला अफजाई करते हुए देखी जा सकती हैं. गाने के बोल बेहद भड़काऊ हैं और इसमें महासंग्राम की बात की जा रही है.
वीडियो यहां देखें :
इस वीडियो को 'योगी आदित्यनाथ फैन क्लब' जैसे फेसबुक पेज ने शेयर किया, जिसके 4000 से अधिक फॉलोअर हैं.
इस भड़काऊ वीडियो पर लोगों के कम्युनल कमेंट की लम्बी लिस्ट है.
ये है इस वायरल वीडियो का सच:
यह एक डॉक्टर्ड वीडियो है, जिसमें काफी हेर-फेर किया गया है. इस वीडियो में गायक कुवैत के मुबारक अल-रशीद ही हैं. लेकिन वह वास्तव में महात्मा गांधी का लोकप्रिय भजन 'वैष्णव जन ते तेने कहिए' गा रहे हैं. मुबारक कोई राम मंदिर के निर्माण की मांग वाला गाना नहीं गा रहे हैं.
अल-रशीद ने यह गाना 31 अक्टूबर को सुषमा स्वराज की मौजूदगी में गाया था, जब वो कुवैत के दौरे पर गई थीं. इस प्रोग्राम का ओरिजिनल वीडियो भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल आईडी से शेयर भी किया था.
मंदिर मुद्दा गरमाने की कोशिश
इस वीडियो को ऐसे समय में अपलोड किया गया, जब राम मंदिर निर्माण का मुद्दा पूरे देश में गरम है. वीडियो पुराना है, इसलिए हमें पूरा मामला समझने के लिए तब के बैकग्राउंड पर नजर डालनी होगी.
29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2019 तक टाल दी थी. अब इसकी सुनवाई अलग बेंच करेगी. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने 3 नवंबर को कहा था कि हिन्दू राम मंदिर के निर्माण को लेकर बेचैन हैं. उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राम मंदिर का मुद्दा उन प्रमुख मुद्दों में होगा, जिस पर चुनाव लड़ा जाएगा.
राम माधव का बयान, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव भैयाजी जोशी के बयान के एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हिन्दुओं का अपमान बताते हुए कहा था कि मंदिर निर्माण कोर्ट की प्राथमिकता नहीं है.
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