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वेबकूफ: नवंबर में फैलाई गईं ये फेक न्यूज आप तक भी पहुंचीं क्या?

आप भी इन फेक न्यूज के झांसे में आए क्या?

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

इसका इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कैसे दिखते हैं, अगर आप भी फेक न्यूज के झांसे में आ जाते हैं और फॉरवर्ड करते हैं. जैसे 'पुलिस अयोध्या पर फैसले से पहले मैसेज और कॉल पर नजर रख रही थी.' ये फेक था! या 'हिंदू राष्ट्र' बनाने को लेकर CJI के 'शानदार योगदान' के लिए बधाई वाला पीएम मोदी का ट्वीट! लेटर उतना ही फेक था जितना कि सिग्नेचर बिल्कुल वैसे ही जैसे आपने बचपन में अपने रिपोर्ट कार्ड में कभी कोई फर्जी सिग्नेचर किया होगा.

लेकिन फेक न्यूज इतना ही नहीं है जानिए नवंबर महीने में फैलाए गए ऐसे ही फेक न्यूज के बारे में, जिसके झांसे में शायद आप भी आ गए होंगे

अयोध्या? ओह हां!

‘ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान’ खासकर उन लोगों को, जो राम या रहीम के नाम पर फेक न्यूज फैलाते हैं! एक फेक इमेज इस कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई; “बाबरी मस्जिद में आखिरी नमाज अदा की गई. इसके बाद, मस्जिद की ये जगह हिंदू प्रशासन को दे दी जाएगी. #AyodhaVerdict #BabriMasjid” जबकी ये तस्वीर दिल्ली के जामी मस्जिद की थी.

JNU पर तो पूछिए ही मत!

फेसबुक पर एक लड़की की तस्वीर को काफी फैलाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि ये 43 साल की है और जेएनयू में स्टूडेंट है. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उसकी बेटी भी यहीं पढ़ती है.

टीम वेबकूफ इस पिक्चर में दिख रही जेएनयू स्टूडेंट के पास पहुंची, तो पता चला कि वो 23 साल की है. और इसके अलावा मुद्दे की बात ये है कि 43 साल की मां स्टूडेंट नहीं हो सकती क्या? पहली बात तो ये, कि खबर फेक थी और उसके ऊपर ऐसी धारणा तो और भी बुरी है!

JNU में विरोध कर रहे छात्रों की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ऑनलाइन मीडियम का खूब इस्तेमाल हुआ, जैसे 'कंडोम का इस्तेमाल बालों को बांधने के लिए किया जा रहा है?' जो कि एक पुराना मीम था!

JNU के पंकज मिश्रा की तस्वीर को केरल का 'मोइनुद्दीन' बताकर शेयर की गई. ये उनकी छवि खराब करने की कोशिश थी. .तस्वीर शेयर करने वालों को हम बीजेपी समर्थक प्रोपगेंडा फैलाने वाला भी कह सकते हैं. ये तो सिर्फ कुछ ही उदाहरण हैं! ज्यादा जानकारी के लिए क्विंट हिंदी के वेबकूफ सेक्शन को देखें.

असल में फेक न्यूज फैक्ट्री आगे नहीं बढ़ पा रही है, और इसे फिर से पुराना पाकिस्तानी झंडा मिल गया -और इस्लामिक झंडे वाला कंफ्यूजन फिर से हो गया.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के ऊपर लगे पाकिस्तानी झंडा की एक तस्वीर, इमिग्रेशन ऑफिस की एक फोटो बन गई और जालंधर में इस्लामिक झंडा, एक वीडियो में पाकिस्तानी झंडा बताई गई! कुछ लोगों ने इसे संदेहास्पद माना और टीम वेबकूफ ने इसकी सच्चाई सामने लाई!

फेक न्यूज के बारे में ज्यादा जानकारी और आप बेवकूफ न दिखे, इसके टिप्स लेने के लिए, क्विंट हिंदी के वेबकूफ सेक्शन को देखें.

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