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बांग्लादेश तख्तापलट, कांवड़ यात्रा के बीच वायरल भ्रामक दावों का सच

इस हफ्ते वायरल हुए दावों का सच यहां पढ़ें

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बांग्लादेश में इस हफ्ते शेख हसीना (Sheikh Hasina) के नेतृत्व वाली सरकार का तख्तापलट हुआ. इन खबरों के बीच सोशल मीडिया पर कुछ फेक और भ्रामक खबरों ने भी अपनी जगह बनाई. एक नजर में जानिए इन सभी दावों का पूरा सच.

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खली ने मुस्लिम दुकानदार से फल खाकर नेम प्लेट वाले नियमों का विरोध किया ?

सोशल मीडिया पर रेसलिंग स्टार खली का फल खाते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि खली ने मुस्लिम व्यापारियों से फल खरीद कर और खाकर 'नेम प्लेट वाले नियमों' का विरोध किया है.

बता दें कि उत्तरप्रदेश में कांवड़ यात्रा के बीच कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने दुकानदारों को निर्देश दिए थे कि वो अपनी दुकान के बोर्ड पर अपना नाम जरूर सार्वजनिक करें, जिससे कि ग्राहकों को उनका धर्म पता चल जाए.

यह दावा सही नहीं है. खली ने फल खाते हुए अपना यह वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 11 जुलाई 2024 को अपलोड किया था. तब कांवड़ यात्रा शुरू नहीं हुई थी.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

बांग्लादेश के हिंदू क्रिकेटर के जलते घर की है ये फोटो ?

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि हाल ही में बांग्लादेशी क्रिकेटर लिटन दास के घर को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया, क्योंकि वह हिंदू समुदाय से हैं.

यह सच नहीं है. वायरल पोस्ट में दिख रही तस्वीर में बांग्लादेशी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और सांसद मशरफे मुर्तजा के घर में आग लगाई जा रही है.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

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कथावाचक चित्रलेखा के पति मुस्लिम है ?

सोशल मीडिया पर कथावाचक चित्रलेखा की एक शख्स के साथ फोटो वायरल हो रही है.फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि चित्रलेखा अपने मुस्लिम पति के साथ अमेरिका में घूम रहीं है.

नहीं, यह दावा सही नहीं है. कथावाचक चित्रलेखा के पति मुस्लिम नहीं है. कथावाचक चित्रलेखा के पति का नाम माधव तिवारी है. चित्रलेखा पहले भी इन दावों का खंडन कर चुकी हैं कि उनके पति मुस्लिम हैं.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

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ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड की है यह फोटो ?

सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसके साथ मराठी भाषा में मुसलमानों, इस्लाम और शरिया को लेकर कुछ दावे किए जा रहे हैं. तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह महिला ऑस्ट्रेलिया की पीएम ज्युलिया गिलार्ड हैं, और इन्होंने मुसलमानों को साफ कह दिया है कि जो मुसलमान इस्लामी शरिया कानून चाहते हैं उन्हें इस बुधवार तक ऑस्ट्रेलिया छोड़ देना होगा.

यह दावा सही नहीं है. पहले तो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया की पीएम जूलिया गिलार्ड नहीं बल्कि एंथनी अल्बानीज हैं. दूसरा वायरल फोटो जूलिया गिलार्ड की नहीं बल्कि के. वासुकी की है. वह एक प्रतिष्ठित सिविल सेवक (IAS) हैं जो वर्तमान में केरल सरकार में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हैं.

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क्या शिक्षामंत्री का यह दावा सही है की 7 साल में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है ?

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पिछले सात सालों में पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं है. 8:50 मिनट पर उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, "माननीय सदस्य ने पिछले सात सालों में 70 बार प्रश्नपत्र लीक होने के बारे में सवाल उठाया है. महोदय, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ सदन के सामने यह कहना चाहता हूं कि पिछले सात सालों में पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं है."

यह दावा सही नहीं है. पिछले सात सालों में पेपर लीक की कई घटनाएं हुई हैं और पुलिस ने मामले भी दर्ज किए हैं और लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

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