ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘रामलला हम आएंगे’ नारे के साथ बुर्का पहने महिला की फोटो का सच...

बुर्का पहने हुए महिला, राम मंदिर बनाने की मांग, जाने वायरल मैसेज की सच्चाई?

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सबरीमाला मंदि‍र में महिलाओं के प्रवेश को लेकर एक तरफ कानूनी जंग अभी भी जारी है, दूसरी ओर इस मुद्दे पर तरह-तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

केरल सरकार ने 1 जनवरी को महिला अधिकार मामले पर एक वीमेंस वॉल कार्यक्रम का आयोजन किया. इस इवेंट की कुछ फेक तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वायरल तस्वीर में एक महिला बुर्का पहने हुए है और उसके हाथ में एक प्लेकार्ड है. कार्ड पर लिखा है, “ब्राह्मणवादी पितृसत्ता डाउन डाउन.”

इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए अभिनेत्री कोइना मित्रा ने भी सवाल खड़े किये हैं. कोइना ने सबरीमाला मंदिर पर महिला अधिकार को लेकर बने 'वीमेंस वॉल' पर मुस्लिम महिला की तस्वीर पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ये मंदिर में भजन करने जाएंगी?

इस ट्वीट के कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर बुर्का पहने हुए इसी महिला की एक फोटोशॉप की हुई तस्वीर वायरल होने लगी. इस तस्वीर में महिला के प्लेकार्ड पर लिखा है, “हमें बुर्का से नफरत है, हम मस्जिद में प्रवेश करना चाहते हैं, हमें समान अधिकार चाहिए, मुस्लिम पितृसत्ता को रोका जाए.”

तस्वीर में दूसरी महिला के प्लेकार्ड पर लिखा है, “हम तुम्हारे साथ हैं.”

बुर्का पहने इसी महिला की एक तस्वीर अलग प्लेकार्ड के साथ ट्विटर पर वायरल हो रही है. इस कार्ड पर लिखा है, “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे.” बुर्का पहने हुए महिला के साथ सभी तस्वीरों में केवल एक ही महिला दिख रही है.

बुर्का पहने हुए इस महिला की एक और फोटोशॉप तस्वीर सोशल मीडिया पर ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ वायरल हो रही है. यूजर ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि मुस्लिम महिलाएं राम मंदिर निर्माण को लेकर मार्च कर रही हैं.

दी फॉक्सी डॉट कॉम पर पब्लिश एक आर्टिकल के मुताबिक, वीमेंस वॉल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से स्पॉन्सर्ड है. सभी वॉलेंटियर्स से वादा किया गया है कि जब तक राम मंदिर न बन जाए, वो अपने कदम एक इंच भी पीछे न हटाएं.

आर्टिकल में दावा किया गया है कि इस वीमेंस वॉल को राम मंदिर निर्माण के लिए ही बनाया गया है. इसमें शामिल महिलाएं 620 किलोमिटर लंबी दीवार बनाकर राम मंदिर के हक में आवाज उठाएंगी. लेकिन आर्टिकल के आखिर में स्पष्ट अक्षरों में लिखा है, “यह साइट व्यंग्‍य और हंसी के लिए है. यहां सही खबर की उम्मीद न करें.”

इस तरह वायरल तस्वीर का पूरा मामला फेक निकला. इसका महिला अधिकार की लड़ाई और सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×