ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल में भारत का दौरा करेंगे, यह दौरा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ब्रिटेन के अवसरों को बढ़ावा देने और लोकतांत्रिक ताकत के साथ चीन से निपटने के मकसद से होगा. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
इंडो-पैसिफिक को "दुनिया का उभरता भूराजनीतिक केंद्र" बताते हुए, ब्रिटेन सरकार ने जॉनसन की भारत यात्रा से पहले इस क्षेत्र में एक ब्रिटिश एयरक्राफ्ट की तैनाती को भी रेखांकित किया है.
इससे पहले जॉनसन को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत आना था, लेकिन ब्रिटेन में COVID-19 मामलों में उछाल और वायरस के नए स्ट्रेन के प्रसार के चलते, उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी.
बीते कुछ वक्त में हॉन्ग कॉन्ग, COVID-19 महामारी और ब्रिटेन के 5G नेटवर्क में Huawei को सक्रिय भूमिका न मिलने जैसे मुद्दों को लेकर चीन और ब्रिटेन के बीच संबंधों में तनाव दिखा है.
पिछले साल के आखिर में यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के एग्जिट को पूरा करने के बाद से, जॉनसन सरकार ने वादा किया है कि “एकीकृत समीक्षा” दिखाएगी कि ब्रिटेन अभी भी दुनिया के मंच पर खड़ा है और यह देश के लिए एक नए युग को परिभाषित करेगी
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमेरिका के साथ अपने मजबूत संबंधों को संरक्षित करते हुए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार करने के मकसद से, ब्रिटिश सरकार मंगलवार को ब्रेग्जिट के बाद देश की रक्षा और विदेश नीति की प्राथमिकताओं को सामने रखेगी.
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