अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि अमेरिकी बाॅर्डर अधिकारी अप्रवासियों की फेसबुक प्रोफाइल की जांच कर रहे हैं.
‘द इंडिपेंडेंट’ में छपी खबर के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारी कथित तौर पर अप्रवासियों के राजनीतिक विचारों को जानने के लिए फेसबुक अकाउंट की जांच करने में जुटे हैं.
खबर के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद कई ग्रीन कार्डधारकों, जिन्हें अमेरिका में रहने और काम करने का अधिकार है, उन्हें इस जांच से गुजरना पड़ रहा है. अमेरिकी हवाई अड्डों पर सीमा एजेंट इन्हें हिरासत में लेकर घंटों पूछताछ कर रहे हैं.
यह खबर उस अफरातफरी के माहौल में आई है, जब दुनियाभर में अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले का विरोध हो रहा है.
नए आदेश के बाद न सिर्फ मुस्लिम बहुल देश के नागरिकों से पूछताछ की जा रही है, बल्कि इनमें दूसरे कई देशों के ग्रीन कार्ड होल्डर शामिल हैं.
पाक पर भी बैन लगा सकता है अमेरिका
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को इसका संकेत दिया कि आने वाले समय में उन देशों की सूची में पाकिस्तान को भी शामिल किया जा सकता है, जहां के लोगों के अमेरिका में आने पर रोक लगाई गई है.
इसकी वजह यह है कि पाकिस्तान जैसे देशों में आतंकवाद पनप रहा है. व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रींस प्रीबस ने सीबीएस न्यूज से कहा, ‘‘हमने इन सात देशों को चुना तो इसकी वजह यह है कि कांग्रेस और ओबामा प्रशासन, दोनों ने इनकी ऐसे देशों के तौर पर शिनाख्त कर रखी थी कि इनके यहां खतरनाक आतंकवाद को अंजाम दिया जा रहा है. अब आप कुछ और ऐसे देशों की ओर भी इशारा कर सकते हैं, जहां समान तरह की समस्याएं हैं. जैसे कि पाकिस्तान और कुछ और देश. शायद हमें इसे और आगे ले जाने की जरूरत है. लेकिन फिलहाल के लिए तात्कालिक कदम यह है कि इन देशों में जाने और इनसे आने वाले लोगों की कठोरतम जांच-पड़ताल की जाएगी.”
फैसले की हो रही आलोचना
पिछले शुक्रवार को ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए अमेरिका में सात मुस्लिम बहुल देशों से शरणार्थियों के आने पर रोक लगा दी थी. इन देशों में सीरिया, इराक, ईरान, सोमालिया, सूडान, यमन और लीबिया शामिल हैं.
इसके बाद न्यूयॉर्क के एक फेडरल जज ने इस आदेश पर इमर्जेंसी स्टे लगा दिया, लेकिन इसे लेकर कुछ जगहों पर भ्रम बना हुआ है.
गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, उबर और कई अन्य कंपनियों ने अमेरिकी सरकार की एंटी-इमिग्रेशन नीतियों की आलोचना की है. फेसबुक फाउंडर मार्क जकरबर्ग, गूगल के को-फाउंडर सर्जी ब्रिन और गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने खुलकर इस मामले पर नाराजगी जताई है.
अमेरिका में हवाईअड्डों पर प्रदर्शन
आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए शनिवार रात शिकागो के ओहारे हवाईअड्डे के अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल पर हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों ने टर्मिनल के बाहर सड़क को जाम कर दिया.
न्यूयॉर्क स्थित जॉन एफ. केनेडी अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल पर सैकड़ों लोग जमा हुए. प्रदर्शनकारियों ने टर्मिनल 4 को उस समय बंद कर दिया, जब 11 अप्रवासी लोगों को हिरासत में ले लिया गया. हिरासत में लिए गए लोग रास्ते में थे, जब ट्रंप ने प्रतिबंध आदेश जारी किया था.
वाशिंगटन के डलेस एयरपोर्ट पर भी सैकड़ों लोग जमा हुए. भीड़ इतनी बढ़ गई कि हवाईअड्डे के अधिकारियों को प्रदर्शन क्षेत्र बढ़ाना पड़ा.
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