नवाज शरीफ की पाकिस्तानी राजनीति से विदाई हो गई है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार के ऐतिहासिक फैसले में कहा वो जीवन भर कोई भी सरकारी पद लेने के अयोग्य हैं.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक पांच जजों की पीठ ने एकमत से अपने फैसले में कहा कि अगर किसी शख्स को संविधान की धारा 62 (1)(एफ) के तहत अयोग्य करार दिया गया है तो वह शख्स आजीवन सार्वजनिक पद पर बैठने के लिए अयोग्य रहेगा.
पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 62 (1)(एफ) के मुताबिक सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति को निश्चित शर्तों के अनुसार अयोग्य ठहराया जाता है. 68 वर्षीय शरीफ को 28 जुलाई, 2017 को पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराया गया था.
इसके बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य पीठ ने पिछले साल 15 दिसंबर को इसी प्रावधान के तहत पाकिस्तान तहरीक - ए - इंसाफ के नेता जहांगीर तरीन को अयोग्य ठहराया था. जस्टिस उमर अता बंदियाल के फैसले में कहा गया है कि भविष्य में किसी भी सांसद या लोक सेवक को अगर अनुच्छेद 62 के तहत अयोग्य ठहराया जाता है तो उन पर यह प्रतिबंध स्थायी होगा. ऐसे व्यक्ति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे और ना ही संसद के सदस्य बन सकेंगे.
नवाज और उनके परिवार पर कौन से आरोप?
नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू कीं. इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी. शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया. इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने उनकी मदद की. नवाज और उनके परिवार पर आरोप है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अनडिक्लेयर्ड इनकम लगाई गई. लीक हुए पनामा पेपर्स में शरीफ की विदेश में इन प्रॉपर्टीज की बात सामने आई थी.
(इनपुट: भाषा)
ये भी पढ़ें - नवाज शरीफ को एक और झटका, पार्टी चीफ के पद से हाथ धोया
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)