ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘ऑनलाइन और ऑफलाइन' फ्री स्पीच की रक्षा के लिए G7 देशों के साथ शामिल हुआ भारत

G7 Countries ने कहा-हम लोकतांत्रिक व्यवस्था के सभी साहसी डिफेंडर का स्वागत करते हैं,जो हिंसा के खिलाफ खड़े होते हैं

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारत ने G7 देशों (G7 Countries) और चार आमंत्रित देशों के साथ, सोमवार यानी 27 जून को ‘2022 रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट’ (Resilient Democracies Statement’) पर हस्ताक्षर किए. जिसमें “सिविल सोसायटी की स्वतंत्रता और विविधता की रक्षा” और “अभिव्यक्ति की आजादी की ऑनलाइन और ऑफलाइन रक्षा” करना शामिल है.

जर्मनी में हुए G7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिस्सा लेने के बाद चार पन्नों के बयान में कहा गया है कि हम, जर्मनी, अर्जेंटीना, कनाडा, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के लीडर्स हमारे लोकतंत्रों के लचीलेपन को मजबूत करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
हम लोकतांत्रिक व्यवस्था के सभी साहसी रक्षकों का स्वागत करते हैं जो उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ खड़े होते हैं. हम विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक समाजों के लचीलेपन में सुधार के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को आगे बढ़ाएंगे.
हस्ताक्षर करने वाले देशों ने कहा कि लोकतंत्र खुली सार्वजनिक बहस, स्वतंत्र और बहुलवादी मीडिया और “ऑनलाइन और ऑफलाइन सूचनाओं के मुक्त प्रवाह को सक्षम बनाता है, नागरिकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए वैधता, पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही को समान रूप से बढ़ावा देता है.

इसके अलावा जी-7 में शामिल देश ने कई और सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए तैयार हैं. बयान में कहा गया है-

  • ऑनलाइन और ऑफलाइन अभिव्यक्ति, व राय की स्वतंत्रता की रक्षा करना और प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय पहलों के साथ हमारे काम के माध्यम से एक स्वतंत्र मीडिया परिदृश्य सुनिश्चित करना.

  • एक खुला, फ्री, ग्लोबल, इंटरऑपरेबल, विश्वसनीय और सुरक्षित इंटरनेट सुनिश्चित करना.

0
  • साइबर खतरों से संबंधित जागरूकता में सुधार, साइबर रिस्पॉन्स सहयोग का विस्तार करने सहित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के साइबर लचीलेपन को बढ़ाना.

  • दुष्प्रचार सहित, विशेष रूप से सूचना हेरफेर और हस्तक्षेप से संबंधित खतरों का मुकाबला करना.

  • सूचना के हेरफेर का मुकाबला करने, सटीक जानकारी को बढ़ावा देने और दुनिया भर में हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए सहयोग करना.

  • डिजिटल स्किल और डिजिटल लिट्रेसी को मजबूत करके, विश्वसनीय और भरोसेमंद जानकारी और डेटा के तमाम सोर्स तक ऑनलाइन और ऑफलाइन पहुंच को बढ़ावा देना.

  • हिंसक, चरमपंथी और ऑनलाइन तरीके से उकसाने वाले कंटेंट का मुकाबला करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की कार्रवाइयों के बारे में पारदर्शिता को बढ़ाना.

  • बयान में कहा गया है कि लोकतंत्र खुले और जीवंत नागरिक स्थानों की नींव रखता है और उनकी रक्षा करता है. नागरिक जुड़ाव और राजनीतिक भागीदारी को सक्षम और प्रोत्साहित करता है. इससे क्रिएटिविटी, इनोवेशन, सामाजिक जवाबदेही और जिम्मेदारी को प्रोत्साहन मिलता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बयान में और क्या लिखा है-

  • सिविल सोसायटी के एक्टर्स की स्वतंत्रता और विविधता की रक्षा करना, नागरिक स्थान के लिए खतरों के खिलाफ बोलना और संघ व शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता का सम्मान करना.

  • सरकार, समाज और मीडिया में विश्वास को कम करने की कोशिश करने वाले घातक विदेशी हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय दमन के खिलाफ लचीलापन बनाना.

  • मानवाधिकार बचाने वालों और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले सभी लोगों की सुरक्षा के लिए कार्यक्रम को आगे बढ़ाना.

इसके अलावा कहा गया है कि लोकतंत्र एकजुटता और बिना भेदभाव, न्यायसंगत, सुलभ और समावेशी वातावरण को बढ़ावा देता है, जिससे निष्पक्ष प्रतिनिधित्व और राजनीतिक भागीदारी सक्षम होती है.

जी-7 में शामिल सभी देशों ने विचार, धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता की रक्षा करने और अंतर-धार्मिक संवाद को बढ़ावा देने और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देने और समाज के सभी सदस्यों को ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीकों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध किया, जबकि सभी तरह के भेदभाव और हिंसा की निंदा की.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×