अमेरिका के मिनेसोटा राज्य का मिनियापोलिस (Minneapolis) शहर जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) के पीड़ित परिवार को मुकदमा निपटाने के लिए 27 मिलियन डॉलर देने को तैयार हो गया है. 12 मार्च को मिनियापोलिस सिटी काउंसिल के सदस्यों ने एकमत से केस का निपटारा करने के लिए मतदान किया, और मेयर जैकब फ्रे के कार्यालय ने कहा कि 'वो इसे मंजूरी भी देंगे.'
काउंसिल के उपाध्यक्ष एंड्रिया जेनकिंस ने वोट के बाद कहा, "ये एक गहरी दर्दनाक घटना है जो दुर्भाग्य से बहुत सारे अश्वेत परिवारों की वास्तविकताओं का एक हिस्सा है."
पिछले साल एक पुलिसकर्मी ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को गिरफ्तार करते समय उनकी गर्दन पर कई मिनटों तक अपना घुटना रख दिया था. इस घटना में फ्लॉयड की मौत हो गई थी.
फ्लॉयड के वकील ने क्या कहा?
काउंसिल के उपाध्यक्ष जेनकिंस ने कहा, "वैसे तो कोई भी धन राशि पर्याप्त नहीं है जो एक भाई, एक बेटे, एक भतीजे, एक पिता, एक प्रियजन की जगह ले सके. लेकिन, हम जो कर सकते हैं वो ये है कि मिनियापोलिस शहर में न्याय और समानता के लिए काम करना जारी रखा जाए और ऐसा करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं."
सिटी काउंसिल के मुताबिक, 27 मिलियन डॉलर में से 500,000 डॉलर का इस्तेमाल 'समुदाय के कल्याण के लिए' उस जगह के लिए किया जाएगा, जहां फ्लॉयड की 25 मई 2020 को मौत हुई थी. ये इलाका मिनियापोलिस के दक्षिण में है.
“एक अश्वेत व्यक्ति की गलत तरीके से मौत मामले में सुनवाई पूरी होने से पहले निपटारे से एक शक्तिशाली संदेश जाएगा कि अश्वेतों की जिंदगी भी मायने रखती है और रंग के आधार पर अश्वेत लोगों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता खत्म होनी चाहिए.”फ्लॉयड परिवार के वकील बेन क्रम्प
कैसे हुई थी मौत?
जॉर्ज फ्लॉयड को 25 मई को पुलिस ने एक दुकान पर $20 के नकली नोट देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा था कि फ्लॉयड गिरफ्तारी में बाधा डाल रहे थे और पुलिस की कार में बैठने से इनकार कर रहे थे. इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें एक श्वेत पुलिस अफसर ने फ्लॉयड की गर्दन पर अपना घुटना रखा था.
वायरल वीडियो में दिखता है कि फ्लॉयड को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और वो कह रहे थे- ‘मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं.’
फ्लॉयड के बेहोश होने के बाद भी पुलिस अफसर उनकी गर्दन पर घुटना रखे रहा. उसके बाद फ्लॉयड को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था.
अमेरिका में हुआ आंदोलन
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरे अमेरिका में 'ब्लैक लाइव्स मैटर' (Black Lives Matter) आंदोलन शुरू हो गया था. लोग नस्लीय भेदभाव और पुलिस बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे थे. फ्लॉयड की मौत के तुरंत बाद मिनेसोटा राज्य में हिंसक प्रदर्शन हुए थे.
'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन के समर्थन में दुनिया के कई खिलाड़ी भी आए थे. कोलिन केपरनिक से लेकर हार्दिक पांड्या ने मैदान में घुटने पर बैठकर इसका समर्थन किया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में भी इस आंदोलन का खासा प्रभाव देखने को मिला था. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे मामले में कई असंवेदनशील बयान दिए थे. चुनाव में जो बाइडेन को भारी संख्या में अश्वेत वोट मिले थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)