पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान समेत 329 नए चुने गए सदस्यों को शपथ दिलाने के साथ ही 15वीं संसद का पहला सेशन शुरू हो गया. प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान खान 18 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने वाले हैं.
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू सोमवार को दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन के ऑफिस पहुंचे और कागजी काम निपटाया. सिद्धू शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय और पंजाब के सीएम ऑफिस को पहले ही जानकारी दे चुके हैं. उन्हें केंद्र से हरी झंडी का इंतजार है.
पाक की नवनिर्वाचित संसद का पहला सत्र शुरू
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने सोमवार सुबह दस बजे संसद भवन में निचले सदन नेशनल असेंबली का पहला सत्र बुलाया था. इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आम चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के 19 दिन बाद संसद सत्र बुलाया गया.
पीटीआई प्रमुख इमरान खान, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) अध्यक्ष शहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) प्रमुख बिलावल भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली समेत दूसरे बड़े नेताओं ने भी शपथ लिया.
इमरान खान सदन के नेता की कुर्सी के नजदीक सबसे आगे बैठे. सदन की कार्यवाही के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए.
पीटीआई ने 25 जुलाई को हुए चुनावों में 116 सीट जीती है और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है. नौ निर्दलीय सदस्यों के शामिल होने के बाद उसकी सीटों की संख्या 125 पर पहुंच गई.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की लिस्ट अभी तय नहीं हुई है, लेकिन इस बात को लेकर आम सहमति है कि शाह महमूद कुरैशी नए विदेश मंत्री और परवेज खट्टक नए गृह मंत्री होंगे.
असद उमर को वित्त मंत्रालय की कमान मिलने की संभावना है. इमरान वित्त मामलों के सलाहकार के तौर पर प्रतिष्ठित कारोबारी अब्दुल रज्जाक दाऊद को नियुक्त कर सकते हैं. दाऊद पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे थे.
नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद PM का चुनाव होगा
नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री का चुनाव किया जाएगा. अध्यक्ष प्रधानमंत्री के चुनाव की निगरानी करेंगे. पीटीआई ने टॉप पद के लिए इमरान खान को नामित किया है और उनका 18 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने का कार्यक्रम है.
संयुक्त विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ शहबाज शरीफ को नामित किया है. नई सरकार को पीएमएल-एन के रूप में विपक्ष की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
पीपीपी के 53 सदस्यों और मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) की 15 सीटों के साथ पीएमएल-एन की सीटों की संख्या 82 है. तीनों पार्टियों ने हाथ मिला लिया है.
पीटीआई के पास सात सीटों वाली मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट, पांच सीटों वाली बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) चार सीटों वाली बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी), तीन सीटों वाला पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल), तीन सीटों वाली ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (जीडीए) और एक-एक सीटों वाले अवामी मुस्लिम लीग और जमोरी वतन पार्टी समेत छोटे दलों का समर्थन है.
ये साल 2008 के बाद से पाकिस्तान में तीसरी लगातार लोकतांत्रिक सरकार होगी. सैन्य तानाशाह मुशर्रफ ने 1999 के तख्तापलट के बाद 2001 से 2008 तक राष्ट्रपति रहने के बाद आम चुनावों की घोषणा की थी. पीपीपी ने 2008 में सरकार बनाई और उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 2013 में पीएमएल-एन सरकार का नेतृत्व किया
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