पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन विपक्षी नेताओं को निशाने पर लिया है, जो उन्हें 'सेलेक्टेड' प्रधानमंत्री बता रहे थे. इमरान ने 29 जून को कहा, ''जो लोग मेरे 'सेलेक्टेड' (पीएम) होने की बात कर रहे हैं, वे खुद सेना की तानाशाही वाली नर्सरी में तैयार हुए हैं.''
पिछले साल इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही विपक्षी नेता पाकिस्तानी संसद के दोनों सदनों (नेशनल असेंबली और सीनेट) में उन्हें ‘सेलेक्टेड’ पीएम कहते रहे हैं. दरअसल पाकिस्तान में इमरान के बहुत से विरोधियों का मानना है कि सेना ने चुनाव में धांधली कराकर इमरान को सत्ता तक पहुंचाने में मदद की है. ऐसे में ये लोग उन्हें ‘इलेक्टेड’ पीएम के बजाए ‘सेलेक्टेड’ पीएम कहते हैं.
23 जून को नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने सदन के नेता को 'सेलेक्टेड' कहने पर रोक लगा दी थी. उनके मुताबिक ऐसा सदन के अपमान को रोकने के लिए किया गया. इससे पहले ऊर्जा मंत्री अयूब खान ने कहा था कि इमरान को 'सेलेक्टेड' कहना सदन के नियमों का उल्लंघन है.
‘सेलेक्टेड’ शब्द बैन होने के मामले पर नेशनल असेंबली में नेता विपक्ष शाहबाज शरीफ ने कहा कि इस शब्द में ना तो गाली थी और ना ही यह अनुचित था. उन्होंने पूछा कि अब इस शब्द की जगह हम कौनसा शब्द इस्तेमाल करें.
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इमरान खान के लिए सबसे पहले 'सेलेक्टेड' टर्म का इस्तेमाल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने किया था. उन्होंने पिछले साल नेशनल असेंबली के नए सत्र की शुरुआत में इमरान को बधाई देते हुए उन्हें 'सेलेक्टेड' पीएम बताया था. इसके बाद इमरान खान के लिए इस टर्म का इस्तेमाल प्रेस कॉन्फ्रेंस और टीवी टॉक शो से लेकर रैलियों तक में होता रहा है.
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