भारत और चीन (India And China) के बीच बुधवार, 12 जनवरी को 14वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई जो चुशुल-मोल्दो मीटिंग प्वाइंट पर लगभग 13 घंटे तक चली और रात लगभग 10:30 बजे खत्म हुई. भारत और चीन के बीच मई 2020 से तनाव और भी ज्यादा बढ़ चुका है जिसके बाद से 14 राउंड की बातचीत हो चुकी है.
समाचार एजेंसी एएनआई और मिंट ने सूत्रों के हवालों से लिखा है कि बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के नवनियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता कर रहे थे और चीनी टीम की ओर से नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन करने वाले थे.
बातचीत मुख्य रूप से हॉट स्प्रिंग्स (पैट्रोलिंग प्वाइंट 15) में डिसएंदेजमेंट प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए की गई थी.
भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक से जुड़े मसलों के समाधान सहित सभी बचे हुए फ्रिक्शन पाॉइंट को जल्द से जल्द हटाने पर जोर दिया.
हाल ही में चीन द्वारा पैंगोंग झीलके पार एक पुल के निर्माण की खबर के बाद यह बातचीत हुई है और पिछले हफ्ते ही भारत ने चीन द्वारा अरपणाचल प्रदेश में कुछ जगहो के नाम बदलने को लेकर आवाज उठाई थी और इसे गलत बताया था.
बता दें कि भारत और चीन के बीच 13वें दौर की बातचीत 10 अक्टूबर को की गई थी. वह बैठक आठ घंटे चली थी लेकिन कोई भी पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया था और स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई थी.
भारत और चीन के बीच पहले दौर की बातचीत 6 जून को हुई थी जिसके बाद कुछ अंतराल पर लंबे दौर बातचीत होने लगी थी. इसमें से कई बातचीत पूरी तरह बेनतीजा साबित हुई है.
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