भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा के पास तनाव जारी है. इस तनाव की गंभीरता अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों से लगाई जा सकती है. अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-चीन के बीच मध्यस्थता की बात कही है. ट्रंप ने अपने एक ट्वीट में लिखा-
हमने भारत और चीन दोनों को ही सूचित कर दिया है कि दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर अमेरिका मध्यस्थता कराने को लेकर तैयार, इच्छुक और सक्षम है.
बुधवार को इस मसले से जुड़े सवाल का एक लाइन में जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी के भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता.'
बॉर्डर पर हालात नियंत्रण में: चीन
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय अपने एक बयान में कहा, बॉर्डर पर हालात फिलहाल स्थिर और नियंत्रण में हैं. चीन अपनी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा के साथ-साथ भारत-चीन बॉर्डर पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी प्रतिबद्ध है. फिलहाल सीमा क्षत्रों में हालात काबू में हैं. सीमा से संबंधित मुद्दों का हल निकालने के लिए हमारे पास कई तरह के साधन हैं और दोनों ही पक्ष किसी भी मामले को सुलझाने में सक्षम हैं.
LAC पर बढ़ी है सैन्य गतिविधि
दरअसल, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पिछले कुछ दिनों से चीन की तरफ से सैन्य गतिविधियों के बढ़ने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव है. भारत के अपनी सीमा के अंदर सड़क निर्माण करने पर चीन विरोध जता रहा है. चीन की हरकतों को लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है. दोनों देशों की सेनाओं की हाल में सीमा पर गतिविधियां बढ़ीं हैं. बताया जा रहा है कि 2017 में उपजे डोकलाम विवाद जैसी स्थिति फिर से दोनों देशों के बीच पैदा हुई है.
राहुल गांधी ने की थी पारदर्शिता की मांग
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था चीन के साथ सीमा पर चल रहे घटनाक्रम को लेकर सरकार को पारदर्शी तरीके से पूरे देश को जानकारी देनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा था कि नेपाल में क्या हुआ, कैसे हुआ, लद्दाख में क्या हुआ, सरकार को बताना चाहिए. राहुल गांधी ने बाद में यह कहा कि चीन के मुद्दे पर वह ज्यादा न बोलते हुए मुद्दे को सरकार की दूरदर्शिता पर छोड़ते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)