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बौखलाए चीन की नसीहत- अपने सैनिकों को हद में रखे भारत

डोकलाम विवाद पर चीन ने अपनी पीठ थपथपाई है

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चीन ने डोकलाम विवाद के समाधान को इस साल अंतरराष्ट्रीय सहयोग में अपनी बड़ी उपलब्धि बताई है.

चीन की सेना ने गुरुवार को कहा कि भारत को सीमा पर शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए अपनी सैनिकों को कड़ाई से नियंत्रण में रखना चाहिए. साथ ही ,चीन का कहना है कि भारत को सीमा समझौतों को लागू करना चाहिए.

चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल रेन गुआछियांग ने कहा कि साल 2017 में उनके देश के अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग के अहम मुद्दों में डोकलाम जैसा गंभीर मुद्दों से निबटना शामिल रहा.

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चीनी सेना ने डोंगलांग (डोकलाम) में चीन-भारत टकराव जैसे गंभीर मुद्दों से निबटने में अपनी अहम भूमिका निभाई और उसने दक्षिण चीन सागर में चीन के अधिकारों और हितों की रक्षा की.
चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल रेन गुआछियांग
डोकलाम विवाद पर चीन ने अपनी पीठ थपथपाई है
चीन का कहना है कि भारत को सीमा समझौतों को लागू करना चाहिए.
(फोटो: द क्विंट)

उन्होंने कहा इस साल इंटीग्रेटेड तैनाती के तहत सेना ने चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों की दृढ़ता से रक्षा की.

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी बाॅर्डर लाइन जम्मू कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली है.

जब कर्नल रेन से पूछा गया कि चीन की सेना साल 2018 में भारतीय सेना के साथ अपने रिश्तों को किस तरह देखती है तो उन्होंने कहा, हम आशा करते हैं कि भारतीय पक्ष सीमा मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच हुए प्रासंगिक समझौतों को लागू करेगा. और अपने सीमा प्रहरियों को कड़ाई से नियंत्रण में रखेगा.

उन्होंने 73 दिनों के डोकलाम गतिरोध के बाद पहली बार 22 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी स्टेट काउंसलर यांग जीची के बीच हुई सीमा वार्ता के बारे में कहा-

जहां तक हमें मालूम है , उस हिसाब से दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि भारत चीन सीमा पर शांति और स्थायित्व बनाए रखना और द्विपक्षीय संबंधों के और विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखना जरुरी है. क्योंकि इसी से चीन और भारत के बीच संबंधों में विकास के लिए अच्छी रफ्तार मिली है.

और क्या कहा चीन ने..

  • चीन और भारत के सैन्य संबंधों के बारे में रणनीतिक बातचीत रखना और दोनों सेनाओं के बीच संबंधों के विकास पर बल देना अहम है.
  • हम आशा करते हैं कि भारतीय पक्ष उसी दिशा में बढ़ेगा जिस दिशा में चीनी पक्ष बढ़ेगा.

जब उनसे हाल ही में सिक्किम सेक्टर में चीनी क्षेत्र में एक भारतीय ड्रोन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ब्योरा देने से मना कर दिया. उन्होंने ये भी नहीं बताया कि चीनी सैनिकों को मिले कलपुर्जे भारत को लौटाए गए या नहीं.

कर्नल रेन ने कहा, ये हमारा रुख है कि भारत को इस घटना से सबक सीखना चाहिए था.

7 दिसंबर को चीन ने राजनयिक विरोध दर्ज कराया था जिसमें दावा किया था कि एक भारतीय ड्रोन उसके विमान क्षेत्र में प्रवेश कर गया और सीमा के सिक्किम क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. भारत ने सफाई दी है कि उसका मानवरहित वायुयान तकनीकी गड़बड़ी का शिकार हो गया और उसने चीन से उसे लौटाने को कहा.

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डोकलाम विवाद पर चीन ने अपनी पीठ थपथपाई है
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी बाॅर्डर लाइन जम्मू कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली है.
(फोटो: द क्विंट)

क्या है डोकलाम विवाद?

डोकलाम विवाद 16 जून को शुरु हुआ क्योंकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भूटान के दावे वाले इलाके में सड़क निर्माण का काम शुरु कर दिया था. भारतीय सैनिकों ने इस सड़क निर्माण को रोकने के लिए दखल दी क्योंकि ये चिकेन नेक के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा कर रहा था.

भारत को पूर्वोत्तर के उसके राज्यों के साथ जोड़ने वाले गलियारे को चिकेन नेक कहा जाता है.

ये विवाद 28 अगस्त को खत्म हुआ जब एक सहमति बनी और उसके तहत चीन ने सड़क निर्माण रोक दिया और भारत ने अपने सैनिक वापस बुला लिये.

(-इनपुट IANS से)

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