अमेरिकी प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन (Joe Biden) और वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट कमला हैरिस (Kamala Harris) के प्रशासन में कैबिनेट का ऐलान होना अभी बाकी है, लेकिन खबरें हैं कि दो दिग्गज भारतीय-अमेरिकी इसमें शामिल हो सकते हैं. ये हैं सर्जन डॉ विवेक मूर्ति और प्रोफेसर अरुण मजूमदार.
डॉ. विवेक मूर्त अभी जो बाइडेन की कोविड-19 टीम में टॉप एडवाइजर हैं. PTI ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बाइडेन-हैरिस प्रशासन में उन्हें हेल्थ और ह्यूमन सर्विसेस का सचिव नियुक्त किया जा सकता है. वहीं, कहा जा रहा है कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अरुण मजूमदार को एनर्जी का सचिव बनाया जा सकता है.
मूर्ति अमेरिका के सबसे कम उम्र के जनरल सर्जन
कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले विवेक मूर्ति ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, येल स्कूल ऑफ मेडिसिन और येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पढ़ाई की है. बॉस्टन के ब्रिगम एंड वीमेंस अस्पताल से इंटरनल मेडिसिन रेसीडेंसी पूरी करने के बाद उन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में बतौर फैकल्टी ज्वाइन किया था.
डॉ. मूर्ति चुनावी कैंपेन के दौरान कोरोना वायरस मुद्दे पर लगातार ब्रीफ करते थे और नीतियां बनाने में मदद करते थे.
फिजिशियन डॉ. विवेक मूर्ति अमेरिका के 19वें जनरल सर्जन थे. 2014 में तब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें अमेरिका के टॉप डॉक्टर के पद पर बिठाया था. ये पद हासिल करने वाले वो सबसे कम उम्र (37 साल) के और पहले भारतीय-अमेरिकी शख्स थे. डॉ मूर्ति 15 दिसंबर 2014 से 21 अप्रैल 2017 तक इस पद पर रहे.
गूगल के लिए भी काम कर चुके हैं मजूमदार
प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी एनर्जी से जुड़े मुद्दों पर बाइडेन के टॉप एडवाइजर्स नें शामिल थे. मजुमदार, एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी-एनर्जी (ARPA-E) के पहले डायरेक्टर भी रह चुके हैं. 2009 अक्टूबर में, इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति बराक ओबाना ने नॉमिनेट किया था और सीनेट ने उन्हें कंफर्म किया था.
स्टैनफोर्ड ज्वाइन करने से पहले, मजुमदार गूगल में बतौर एनर्जी के वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे थे.
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