अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बरकरार है. इस बीच ईरान ने 22 जुलाई को दावा किया है कि उसने CIA के 17 जासूसों को पकड़ा है. इन सभी पर देश में परमाणु और सेना के ठिकानों की जासूसी करने का आरोप लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पकड़े गए कुछ लोगों को मौत की सजा सुनाई गई और कुछ को जेल भेजा गया है. सरकार ने बताया है कि सभी जासूस ईरानी नागरिक हैं. यूएस या CIA की तरफ से ईरान के इस दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ईरान की इंटेलिजेंस मिनिस्ट्री ने उन CIA अफसरों की तस्वीरें भी जारी की जो इन संदिग्ध जासूसों के संपर्क में थे. मिनिस्ट्री ने कहा है कि इन संदिग्धों ने प्राइवेट सेक्टर की कई आर्गेनाईजेशन में घुसपैठ की थी.
एक अधिकारी ने कहा, “सभी संदिग्ध जासूस संवेदनशील और महत्वपूर्ण प्राइवेट सेक्टर, जैसे इकनॉमिक, परमाणु, इंफ्रास्ट्रक्टरल, मिलिट्री और साइबर एरिया में नौकरी कर रहे थे. यहां से उन्होंने गोपनीय जानकारी जुटाई थी.”
खबरों के मुताबिक CIA ने इन सभी ईरानी नागरिकों से इंटरनेट के जरिए संपर्क साधा था. यूएस का वीजा जारी करना, ईरान के जानकारों को हायर करना, ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए मैसेज भेजना जैसे दूसरे तरीकों से भी अमेरिकी इंटेलिजेंस अधिकारी इन जासूसों के संपर्क में आए.
इंटेलिजेंस मिनिस्ट्री ने पकड़े गए संदिग्ध जासूसों पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी जारी की है. फिल्म में संदिग्धों के इंटरव्यू दिखाए गए हैं. इसके साथ ही बताया गया कि कैसे CIA ने उन्हें जासूसी के लिए जरूरी उपकरण मुहैया कराए.
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