अमेरिका ने गुजरात के पास अरब सागर में केमिकल टैंकर पर हुए हमले (Drone Attack on Tanker) में ईरान का हाथ बताया है. अमेरिका के इस दावे को ईरान ने निराधार बताकर खारिज कर दिया है.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा "अमेरिका का आरोप निराधार है." ईरान की यह सफाई पेंटागन के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें दावा किया गया कि ईरान से लॉन्च किए गए एक ड्रोन ने हिंद महासागर में जहाज पर हमला किया है.
23 दिसंबर की सुबह लगभग 10 बजे वेरावल से लगभग 200 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में एक केमिकल टैंकर पर हमला किया गया. इस अटैक में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार जहाज को क्षति पहुंची है.
घटना को लेकर पेंटागन के प्रवक्ता ने 24 दिसंबर यानी रविवार को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि जहाज पर ईरान की ओर से एकतरफा ड्रोन हमला किया गया.
मोटर जहाज केम प्लूटो पर लाइबेरिया का झंडा लगा था. ये जहाज जापानी स्वामित्व वाला और नीदरलैंड ऑपरेटेड है. 23 दिसंबर को इस केमिकल टैंकर पर हिंद महासागर में भारतीय तट से 200 समुद्री मील दूर अटैक किया गया.
हमले के बाद भारतीय तट रक्षक जहाज (आईसीजीएस) विक्रम 24 दिसंबर की सुबह अरब सागर में केम प्लूटो को मुंबई की ओर ले गया. अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद व्यापारी जहाजों पर नजर रखने और क्षेत्र की निगरानी के लिए डोर्मिनयर विमान भी सर्वे में लगाए गए.
भारतीय तट रक्षा अधिकारी ने बताया कि विक्रम की सुरक्षा में एमवी केम प्लूटो 25 दिसंबर की दोपहर 3 बजे के बाद मुंबई बंदरगाह पर पहुंच गया. जहाज के माल को दूसरे जहाज पर ट्रांसफर करने की योजना है. जहाज पर हमला कैसे हुआ, इसका पता लगाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय नौसेना, खुफिया एजेंसियों और अन्य संबंधित अधिकारी मिलकर संयुक्त जांच कर रहे हैं.
एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश करेंगी कि जहाज पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया गया गोला मिसाइल था या ड्रोन. भारतीय तटरक्षक बल ने भी वहां से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है.
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