ईरान में महिलाओं ने 40 साल बाद एक इतिहास रचा है. यहां महिलाओं के फुटबॉल मैच देखने पर लगे बैन को हटा लिया गया है. पहली बार हजारों महिलाओं ने स्टेडियम में फुटबॉल मैच का लुत्फ उठाया. ईरान की महिलाओं ने उनको मिली इस आजादी का अपने ही तरीके से जश्न मनाया. स्टेडियम में हजारों महिलाएं अपनी पसंदीदा टीम के झंडे और चेहरे पर तरह-तरह के कलर लगाकर पहुंची थीं.
ईरान ने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंधन लगाए हैं. फुटबॉल मैच देखना भी इन्हीं प्रतिबंधों में से एक था. लेकिन फीफा की तरफ से बनाए गए दबाव के बाद उसे महिलाओं को मैच देखने की इजाजत देनी पड़ी. फीफा ने कहा था कि अगर ईरान महिलाओं पर लगे बैन को नहीं हटाता तो उसे अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से निलंबित कर दिया जाएगा.
बैन हटने के बाद महिलाओं में जोश
बैन हटने के बाद मैच देखने पहुंची ईरान की एक नर्स जाहरा पशाई ने कहा, "हम काफी खुश हैं, आखिरकार हमें स्टेडियम में आकर मैच देखने का मौका मिल गया. यह काफी शानदार फीलिंग है." जाहरा अभी तक सिर्फ टीवी पर ही फुटबॉल मैच देखा करती थी. वहीं मैच देखने पहुंची एक महिला यहां चिल्लाती हुई नजर आईं. जो कह रही थी- "आखिरकार हम यहां हैं."
ईरान प्रशासन का कहना है कि महिलाओं को सिर्फ इंटरनेशनल फुटबॉल मैच देखने की इजाजत दी गई है. अन्य घरेलू मैचों में महिलाओं की एंट्री पर अभी भी बैन लागू रहेगा. ईरान ने 1981 से महिलाओं के कई तरह के मैच देखने पर प्रतिबंध लगाया है. ईरान दुनिया का आखिरी ऐसा देश है जहां महिलाओं को फुटबॉल मैच देखने की इजाजत नहीं है. हाल ही में साउदी अरब ने महिलाओं को ऐसे मैच देखने की इजाजत दे दी थी.
ईरान ने सिर्फ फीफा के दबाव में महिलाओं को मैच देखने की इजाजत दी. दिखावटी तौर पर लिए गए इस फैसले की पोल इसलिए खुल जाती है, क्योंकि 80 हजार सीटों में से सिर्फ 4 हजार सीटें महिलाओं के लिए रखी गई थीं. महिलाओं को पुरुषों से करीब 200 मीटर की दूरी पर बिठाया गया था.
फुटबॉल में महिलाओं के पहुंचने पर ईरान के टीवी चैनलों ने पहली बार ऑन एयर ऐसा नजारा दिखाया. पहली बार महिलाओं को चेयर करते हुए दिखाया गया. यहां तक कि मैच की कमेंट्री में भी महिलाओं का जिक्र हुआ.
फीफा के अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो ने कहा, "अब रुकने या पीछे मुड़ने का वक्त नहीं है. इतिहास ने हमें सिखाया है कि विकास धीरे-धीरे होता है और ये तो इस सफर की महज शुरुआत है."
ब्लू गर्ल ने समझाया फुटबॉल का प्यार
फुटबॉल को लेकर ईरान की महिलाओं में काफी क्रेज रहा है. यह क्रेज खुलकर कभी भी दुनिया के सामने नहीं आया. लेकिन हाल ही में एक लड़की ने दुनियाभर की निगाहें इस ओर खींच दीं. सहर खोड्यारी नाम की इस लड़की की फुटबॉल को लेकर दीवानगी कुछ इस कदर थी कि बैन होने के बावजूद वो पुरुषों की तरह वेश बदलकर स्टेडियम पहुंच गईं. लेकिन उसे गेट पर पकड़ लिया गया और 6 महीने की सजा सुनाई गई. जेल जाने के डर से सहर ने कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली और खुदखुशी कर ली. इसके बाद सहर को ब्लू गर्ल के नाम से जाना जाता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)