ट्रेड वॉर में अमेरिका और चीन एक दूसरे के खिलाफ लगातार बड़े हमले कर रहे हैं. अमेरिका ने अपने नए हमले में चीन से आने वाले 16 अरब डॉलर के सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. जिन 279 प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाया गया है उनमें मोटरसाइकिल, स्पीडोमीटर्स, एंटिना शामिल हैं. यह टैरिफ 23 अगस्त से लागू हो जाएगा.
अमेरिकी उद्योग ने किया विरोध, कहा- हमें घाटा होगा
ट्रेड वॉर में अमेरिका का यह दूसरा बड़ा हमला था. अमेरिकी उद्योग की ओर से कहा जा रहा है कि टैरिफ से सामानों की कीमत बढ़ जाएगी लेकिन ट्रंप प्रशासन इस पर अड़ा हुआ है. अमेरिकी सरकार की दलील है कि चीन के साथ उसके देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है और यह कदम इसे घटाने के लिए है.
जुलाई में अमेरिका ने चीन के 34 अरब डॉलर के सामानों पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया था. इसके बाद चीन ने अमेरिका पर दबाव डालने का आरोप लगाया था और कहा था कि कि बदले में भी वह भी अमेरिकी सामानों पर इतना ही टैरिफ लगाएगा.
चीन के 200 अरब डॉलर के सामान पर टैरिफ लगाना चाहता है अमेरिका
ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में ट्रेड रिप्रजेंटेटिव ऑफिस को कहा था कि वह चीन के और 200 अरब डॉलर के सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के बारे में विचार करे. इन सामानों में फल-सब्जियां, हैंडबैग्स और रेफ्रिजरेटर शामिल हैं. अमेरिका के इस कदम के खिलाफ चीन ने जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है और कहा है कि वह भी 200 अरब डॉलर के अमेरिकी सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगा सकता है. इनमें मीट, कॉफी, नट्स और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं.
अमेरिका और चीन के बीच हर साल 650 अरब डॉलर के गुड्स और सर्विसेज का कारोबार होता है. दो देशों के बीच यह दुनिया का सबसे बड़ी ट्रेड रिलेशनशिप है. ट्रेड वॉर की वजह से दोनों देशों की इकनॉमी को झटका लगेगा. अमेरिकी उद्योग ने ट्रेड वॉर की आलोचना की है और कहा कि इससे अमेरिका में कारोबार करने की लागत और बेरोजगारी बढ़ेगी.
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